सोमवार, 21 मई 2012

गंगा के लिए सरकार चिंतित


गंगा के लिए सरकार चिंतित

(निधि श्रीवास्वत)

इलहाबाद (साई)। केन्द्र सरकार ने कहा है कि ऐसी निगरानी व्यवस्था कायम की जाएगी जो यह सुनिश्चित करेगी कि गंगा नदी में दूषित जल और कचरा नहीं बहाया जा सके। पर्यावरण और वन मंत्री जयंती नटराजन ने भारत-तिव्वत सीमा पुलिस द्वारा आयोजित रिवर रैफ्टिंग अभियान के तीसरे चरण का उद्घाटन करते हुए कहा कि सरकार देश में प्रदूषण मुक्त पर्यावरण और नदियों के जल को स्वच्छ बनाने के प्रति वचनबद्ध है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाला राष्ट्रीय गंगानदी घाटी प्राधिकरण यह सुनिश्चित करेगा कि शहरों का मल-जल और उद्योगों का प्रदूषित जल बिना साफ किए गंगा नदी में नहीं बहाया जा सके। इस कार्य को वर्ष २०२० तक पूरा कर लिया जाएगा और इसे केन्द्र और राज्य सरकारें मिलकर पूरा करेंगी।
केन्द्र सरकार गंगा के संरक्षण और सफाई के लिए सात हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश करेगी। पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन ने कहा  कि इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए प्रधानंमत्री की अध्यक्षता में गठित राष्ट्रीय गंगा नदी थाला प्राधिकरण-एनजीआरबीए ने काम करना शुरू कर दिया है और केन्द्र सरकार इसके लिए दो हजार छह सौ करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि पहले ही मंजूर कर चुकी है।
कल इलाहाबाद में आयोजित एक समारोह में श्रीमती नटराजन ने कहा कि इसमें से एक हजार तीन सौ ४२ करोड़ रुपये की राशि उत्तर प्रदेश में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स और अन्य कार्यों के लिए रखी गयी है। उन्होंने कहा कि एनजीआरबीए केन्द्र और राज्य सरकारों के सामूहिक प्रयासों से ये सुनिश्चित करेगा की साल २०२० तक सीवर या उद्योगों का गंदा पानी गंगा में न जाए। श्रीमती नटराजन ने कहा कि सरकार गंगा की सफाई में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी।
श्रीमति नटराजन ने कहा कि इस सरकार की पर्यावरण और वन मंत्री के नाते वे जनता से वादा करती हैं कि सरकार गंगा की अविरल और निर्मल धारा का प्रवाह सुरक्षित रखने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। ताकि आने वाली पीढ़ी को गंगा की वही पावनता और प्रवाह मिल सके जो हमें हमारे पूर्वजों से प्राप्त हुई है।
श्रीमती नटराजन ने कहा कि उनका मंत्रालय अगले साल इलाहाबाद में होने वाले कुंभ मेले से पहले गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए जनता को जागरूक करने के वास्ते अभियान चलाएगा। श्रीमती नटराजन ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के रिवर राफ्टिंग अभियान के चौथे चरण का भी उद्घाटन किया। छह चरणों का गंगा पुनर्दर्शन अभियान २३ अप्रैल को गौमुख से शुरू हुआ था। इसके मई के आखिर में पश्चिम बंगाल के गंगा सागर में सम्पन्न होने की संभावना है।

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