सरकारी सिस्टम में
ढलेगी कांग्रेस!
कांग्रेस में नए कोषाध्यक्ष की तलाश तेज
(शरद खरे)
नई दिल्ली
(साई)।अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का चेहरा मोहरा बदलने वाला है। जल्द ही
कांग्रेस के नेशनल हेडक्वार्टर में उमर दराज लोग पदों पर दिखाई नहीं देने वाले
हैं। कांग्रेस में वयोवृद्ध कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा के स्थान पर नए खजांची की
तलाश तेज हो गई है। वोरा को उत्तर प्रदेश में लाट साहब बनाकर उनकी जीवन भर की सेवा
का सम्मान किया जाने वाला है। कांग्रेस को सरकारी सिस्टम में ढालने की कवायद की जा
रही है।
कांग्रेस के सत्ता
और शक्ति के नए केंद्र 12, तुगलक लेन (राहुल गांधी को आवंटित सरकारी आवास) की फिजां में
तैर रहे तथ्यों के अनुसार राहुल गांधी अब कांग्रेस का चेहरा मोहरा दोनों बदलने की
कवायद में लग गए हैं। पचास के पेटे में पहुंच चुके लोगों को तो इसमें राहत मिल
सकती है पर साठ की उमर पार कर चुके नेताओं को घर बैठना ही होगा।
कहा जा रहा है कि
जिस तरह केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा साठ या बासठ की आयु पार करने के उपरांत
कर्मचारी को सेवा निवृत्ति दे दी जाती है वैसे ही कांग्रेस में अब साठ पार के
नेताओं को जबरिया घर बिठा दिया जाएगा। नेहरू गांधी परिवार के वफादार कुछ नेताओं को
अवश्य ही सरकारी सिस्टम की तरह साठ के बाद भी पुर्ननियुक्ति दी जा सकती है, पर इनकी तादाद बेहद
कम होगी।
राहुल के करीबी
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस में सबसे बुजुर्ग खजांची मोती लाल बोरा का नाम
पहले महामहिम राष्ट्रपति पद के लिए सुझाया गया था किन्तु बाद में उनके कद के हिसाब
से इसमें अनेक लोगों द्वारा फच्चर फंसा दिया गया। राहुल को सुझाया गया है कि जीवन
भर कांग्रेस की सेवा करने वाले वोरा को अब ससम्मान सेवानिवृत्त कर दिया जाना
चाहिए।
सूत्रों ने कहा कि
राहुल को यह सुझाव पसंद आया और उन्होंने मोती लाल वोरा को उनकी उमर देखते हुए
सक्रिय राजनीति से विदा देते हुए बी.एल.जोशी के स्थान पर उत्तर प्रदेश का महामहिम
राज्यपाल बना देने का फैसला लिया है। जैसे ही यह बात यूपी के सरताज मुलायम सिंह
यादव को उनकी बांछे खिल गईं।
कहा जा रहा है कि
वोरा को उत्तर प्रदेश के लाट साहब जोशी को तत्काल हटवाना चाह रहे हैं। दरअसल, जोशी के दरबार में
मिलने वालों से बेहद सख्ती से पेश आया जाता है। यही कारण है कि मुलायम को जोशी
फूटी आंख नहीं सुहा रहे हैं। कांग्रेस को राष्ट्रपति चुनावों के लिए मुलायम को
प्रसन्न करना मजबूरी है, और इसीलिए वे जोशी के स्थान पर किसी नरमदिल नेता को वहां
भेजना चह रही है।
कांग्रेस के
अंदरखाने में इस बारे में लोग आवश्वस्त हैं कि मुलायम और वोरा की जोड़ी जमकर जमेगी।
वोरा के कार्यकाल में विपक्ष के लिए भी आधी रात को दरवाजे खुले रहते थे। वैसे भी
लाट साहब को की गई राज्य सरकार की शिकायत अंततः राज्य सरकार के पास ही जांच के लिए
भेजी जाती है, इसलिए
विपक्ष के तेवरों को शांत करने के लिए राज्यपाल अगर विपक्ष को ज्यादा तवज्जो देते
हैं तो यह मौजूदा सरकार के लिए राहत की ही बात होती है।
बहरहाल, यूपीए के रात्रिभोज
में मुलायम सिंह यादव और मोती लाल वोरा की जुगलबंदी देखने को मिली। एक ओर जहां
मुलायम ने मुक्त कंठ से वोरा की तारीफ की तो वोरा भी मुलायम के लिए बदले बदले नजर
आए। कहा तो यहां तक भी जा रहा है कि काना फूसी के दरम्यान मुलायम ने वोरा के कान
में यूपी का लाट साहब बनकर आने का न्योता भी दे डाला है।
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