गुरुवार, 30 अगस्त 2012

सस्ती जमीन गिरवी रख सकेगा झाबुआ पावर


सस्ती जमीन गिरवी रख सकेगा झाबुआ पावर

(संजीव प्रताप सिंह)

सिवनी (साई)। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में सम्पन्न मंत्रि-परिषद की बैठक में तीन कंपनियों को विभिन्न परियोजनाओं के लिए आवंटित शासकीय भूमि बंधक रखने का निर्णय लिया गया। इनमें सासन पावर लिमिटेड, झाबुआ पावर लिमिटेड तथा हिंडाल्को शामिल हैं।
यह अनुमति इस शर्त पर दी गई है भूमि पर राज्य सरकार को देय प्रभार प्रथम दायित्व होंगे, किसी बैंक/ वित्तीय संस्था या अन्य को नहीं। भूमि के अभिहस्तांकन के बाद ही भूमि का उपयोग यथापूर्व प्रयोजन के लिए ही किया जा सकेगा, प्रयोजन परिवर्तन नहीं किया जा सकेगा।
पट्टाधारी से किसी राशि की वसूली के लिए किसी न्यायालय/प्राधिकरण/ प्राधिकारी के समक्ष प्रस्तुत वाद/दावे में राज्य सरकार आवश्यक रूप से पक्षकार होगी। अभिहस्तांकिती ऐसा वाद या दावा राज्य सरकार को पक्षकार बनाये बिना प्रस्तुत नहीं कर सकेगा।
अभिहस्तांकिती अपनी राशि सबसे पहले अभिहस्तांकित भूमि पर स्थित समस्त चल संपत्ति से वसूल कर सकेगा। इसके पश्चात भूमि पर स्थापित संरचना से वसूल कर सकेगा। ऐसी वसूली के लिए भूमि अंतिम उपाय (स्ंेज तमेवतज) होगी। इसके अलावा भी कुछ शर्तें रखी गई हैं। पट्टेदार और वित्तीय संस्थाओं के बीच अभिहस्तांकन के शर्तों के तहत वसूली की कार्यवाही करने के पूर्व वित्तीय संस्था को कम से कम तीन माह राज्य सरकार को नोटिस देना होगा। हस्तांतरण के समय भूमि के बाजार मूल्य तथा सिंचित भूमि के लिए निर्धारित दर के अनुसार संगणित मूल्य में जो कम हो, के आधार पर भूमि का मूल्यांकन किया जाएगा। इस प्रकार संगणित मूल्य तथा आवंटन की दिनाँक को आवंटिती द्वारा प्रब्याजि के रूप में भुगतान की गई राशि के अंतर की राशि का 20 प्रतिशत हस्तांतरण शुल्क के रूप में सरकारी खजाने में जमा करना होगा।
यहां यह उल्लेखनीय है कि सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य घंसौर विकासखण्ड में लगने वाले मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड को मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पावर प्रोजेक्ट डालने रियायती दरों पर सस्ती जमीन उपलब्ध करवाई गई थी। आरोपित है कि तत्कालीन जिला प्रशासन के नुमाईंदो ने व्यक्तिगत रूचि लेकर मध्य प्रदेश सरकार के राजस्व विभाग से झाबुआ पावर को दी गई जमीन की कीमतें निर्धारित से काफी कम तय करवा दी थीं।

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