सोमवार, 27 अगस्त 2012

आम चुनावों में मनमोहनी छवि के सहारे नहीं उतरेगी कांग्रेस


आम चुनावों में मनमोहनी छवि के सहारे नहीं उतरेगी कांग्रेस

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। गैर नेहरू गांधी परिवार के कांग्रेसी प्रधानमंत्री के सारे रिकार्ड ध्वस्त करने वाले मौनी बाबा और भ्रष्टाचार के ईमानदार संरक्षक की अघोषित उपाधि पाने वाले वज़ीरे आज़म डॉ।मनमोहन सिंह की चला चली की बेला नजदीक आती जा रही है। मनमोहन की बिदाई की डुगडुगी के मंद स्वर कांग्रेस के नक्कारखाने में सुनाई देने लगे हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस अगला आम चुनाव मनमोहन सिंह के चेहरे को सामने रखकर नहीं लड़ने वाली है।
7, रेसकोर्स रोड़ (प्रधानमंत्री आवास) के सूत्रों का कहना है कि वज़ीरे आज़म का स्वास्थ्य भी नरम गरम ही रह रहा है। उनकी ढलती उम्र के चलते वे जल्द ही थकने लगे हैं। पिछले दिनों दिल्ली के अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान में मनमोहन सिंह की दिल की सर्जरी भी हो चुकी है। अपनी गिरती सेहत के चलते ही मनमोहन सिंह ने अपने पसंदीदा वित्त विभाग को पलनिअप्पम चिदम्बरम को सौंप दिया है।
पीएम निवास के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि स्वास्थ्य कारणों से कई बार मनमोहन सिंह ने सोनिया गांधी से पदमुक्त करने का आग्रह किया जा चुका है। सूत्रों ने कहा कि सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह से कहा है कि जब तक राहुल गांधी के लिए पीएम बनने मुफीद माहौल तैयार नहीं हो जाता तब तक वे पीएम पद संभाले रहें।
उधर, एक के बाद एक घपले घोटाले और भ्रष्टाचार के पर्दाफाश ने मनमोहन सिंह को व्यथित कर दिया है। मनमोहन सिंह की छवि ईमानदार की थी, किन्तु अब सियासी गलियारों में उन्हें मौनी बाबा और भ्रष्टाचार के ईमानदार संरक्षक भी कहा जाने लगा है। हाल ही में कोल गेट के मामले में सीधे उन पर हो रहे प्रहारों से वे बेहद चिंतित नजर आ रहे हैं।
पीएमओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहचान उजागर ना करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को इशारों ही इशारों में संकेत दिए कि मनमोहन सिंह ज्यादा समय तक प्रधानमंत्री की कुर्सी थामने को आतुर नहीं दिख रहे हैं। वे माकूल वक्त देखकर अपना त्यागपत्र सौंप सकते हैं। राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने में अभी समय है, किन्तु 10, जनपथ पर जिन नामों की गूंज उनके उत्तराधिकारी के बतौर हो रही है उनमें लोकसभाध्यक्ष मीरा कुमार, महासचिव दिग्विजय सिंह, गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे, वित्त मंत्री पलनिअप्पम चिदम्बरम, रक्षा मंत्री ए।के।अंटोनी के नाम सबसे उपर हैं।

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