रविवार, 5 अगस्त 2012

कांग्रेस का पतन सुनिश्चित: आणवाणी


कांग्रेस का पतन सुनिश्चित: आणवाणी

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने अपने ताजा ब्लाग पोस्ट में भविष्यवाणी की है कि आनेवाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो जाएगा. आडवाणी की भविष्यवाणी है कि कांग्रेस अपने इतिहास की सबसे हार का सामना करने जा रही है. आडवाणी के अनुसार आपातकाल के बाद हुए आम चुनाव में कांग्रेस की हार को उसके राजनीतिक इतिहास की सबसे बड़ी हार करार दिया जाता है लेकिन आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जो हार होगी वह उसके राजनीतिक इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी हार होगी. कांग्रेस 100 सीटों तक भी नहीं पहुंच पायेगी.
अपने ब्लाग आड़वाणी ने में लिखा है कि कांग्रेस शासन के प्रति जो नाराजगी है उसे देखते हुए उसे इतिहास की सबसे बड़ी हार के लिए तैयार हो जाना चाहिए. आडवाणी लिखते हैं कि यह ऐसा पहला मौका होगा जब कांग्रेस दहाई के आंकड़े में सिमट जाएगा और वह सैकड़े की संख्या को भी नहीं छू सकेगी.
अभी कुछ दिन पहले पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल के विदाई समारोह में दो वरिष्ठ केन्द्रीय मंत्रियों से हुई बातचीत के आधार पर एलके लिखते हैं कि कांग्रेस के अंदर भी बैचेनी है. आडवाणी उन केन्द्रीय मंत्रियों के हवाले से यह संकेत भी देते हैं कि लोकसभा चुनाव 2013 में भी हो सकते हैं और 2014 में भी. आडवाणी का कहना है कि केन्द्रीय मंत्री मान रहे थे कि आगामी लोकसभा चुनाव में न तो कांग्रेस की सरकार बनेगी और न ही भाजपा की. उनके हिसाब से तीसरे मोर्चे की सरकार बन सकती है. उनके हवाले से आडवाणी लिखते हैं कि सरकार तीसरे मोर्चे की बनेगी जिसे इन दोनों बड़े दलों (भाजपा और कांग्रेस) में से किसी एक का समर्थन हासिल होगा. आडवाणी इस संभावना को खारिज करते हुए लिखते हैं कि तीसरे मोर्चे की सरकार नहीं बनेगी. आडवाणी का कहना है कि पिछले ढाई दशक में राष्ट्रीय राजनीति ने जैसी शक्ल अख्तियार कर ली है उसे देखते हुए अब यह कल्पना भी नहीं की जा सकती कि भाजपा या कांग्रेस के समर्थन के बिना तीसरा मोर्चा अपनी सरकार बना लेगा.
हालांकि आडवाणी एक संभावना पर जरूर अपनी राय देते हैं कि प्रधानमंत्री गैर कांग्रेसी और गैर भाजपाई हो सकता है जिसे इन दोनों दलों में से किसी एक का समर्थन हासिल होगा. लेकिन इस संभावना को भी आडवाणी यह कहते हुए खारिज कर देते हैं कि बीते समय का अनुभव ऐसा है कि गैर कांग्रेसी और गैर भाजपाई प्रधानमंत्री केन्द्र में स्थाई सरकार नहीं दे पाया है. चौधरी चरण सिंह, चंद्रशेखर, देवेगौड़ा, गुजराल और विश्वनाथ प्रताप सिंह का हवाला देते हुए लिखते हैं कि ऐसे प्रयोग पहले हुए हैं लेकिन असफल साबित हो गये हैं.
मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार की आलोचना करते हुए आडवाणी लिखते हैं कि केन्द्र में यूपीए की सरकार इसलिए चल रही है क्योंकि उसके पास सीबीआई है. सीबीआई को कांग्रेस का सबसे विश्वसनीय सहयोगी बताते हुए आडवाणी लिखते हैं कि इसी साथी का इस्तेमाल करके कांग्रेस अब तक लोकसभा चुनावों से बचती आ रही है.

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