बुधवार, 15 अगस्त 2012

बीमारियों से बचाता है चरम सुख


बीमारियों से बचाता है चरम सुख

(के.अमित)

लंदन (साई)। मस्तिष्क के तार झंकृत होनाया फिर शानदार आतिशबाजी का नजारा। ये कुछ जुमले हैं जिनका इस्तेमाल वैज्ञानिक सेक्स के दौरान चरम सुख पाने की स्थिति को बयान करने के लिए करते हैं। एक ताजा वैज्ञानिक अध्ययन बताता है कि इस चरम सुख का अहसास न सिर्फ मिलन को सफल बनाता है, बल्कि इससे कई तरह की मानसिक और शारीरिक बीमारियों से दूर रहने में भी मदद मिलती है।
सेक्स से संबंधित मनोविज्ञान के विशेषज्ञों का मानना है कि यौन सुख की अनुपस्थिति में कई तरह की बीमारियां और मानसिक विकृतियां पैदा हो सकती हैं। वेज्ञानिकों का मत है कि यह महत्वपूर्ण है क्योंकि यौन क्रिया का चरम सुख सबसे अहम इंसानी सहज प्रवृत्तियों में से एक ही संतुष्टि है।
जानकारों का मानना है कि बहुत सी सामाजिक या पेशेवर समस्याएं यौन असंतुष्टि से जुड़ी हैं। मिसाल के तौर पर, चिंता ऐसी विकृति है जो चरम सुख न मिलने से जुड़ी है। मानसिक तौर पर जिन समस्याओं से इंसान का वास्ता पड़ता है, वो कहीं न कहीं चरम सुख से जुड़ी हैं।
गौरतलब है कि कुछ महीनों पहले अमरीकी राज्य न्यू जर्सी के रटगर्स विश्वविद्यालय में वैज्ञानिकों ने पाया कि चरम सुख की स्थिति में दिमाग के 80 अलग अलग हिस्से सक्रिय हो जाते हैं। कहा जाता है कि इसके बहुत से फायदे हैं क्योंकि इससे रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ जाती है और रक्त प्रवाह भी बेहतर होता है और वो सभी अंगों तक पहुंचता है।

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