गुरुवार, 1 नवंबर 2012

केबल टीवी का डिजिटीकरण: बंद हो गए अनेक टीवी

केबल टीवी का डिजिटीकरण: बंद हो गए अनेक टीवी

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। केबल टी वी के डिजिटीकरण की समय सीमा खत्म होने के साथ ही दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में बिना सेटटॉप बॉक्स वाले सैंकड़ों टेलीविजन सेटों पर कल मध्यरात्रि से प्रसारण बंद हो गया हालांकि कोलकाता में कुछ इलाकों में बिना सेटटॉप बॉक्स के भी टीवी पर कार्यक्रम आते रहे।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार चारों महानगरों में डायरेक्ट टू होम सहित डिजिटीकरण का ९३ प्रतिशत काम पूरा हो गया है। चेन्नई के टीवी दर्शकों को मद्रास उच्च न्यायालय से अभी थोड़ी राहत मिली हुई है। वहां डिजिटीकरण की समय सीमा पांच नवम्बर तक कर दी है।
वहीं मुंबई से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से निधि गुप्ता ने खबर दी है कि बंबई उच्च न्यायालय ने केबल नेटवर्क आपरेटरों को डिजिटल एड्रेसबल सिस्टम (डीएएस) लगाने के लिए और समय देने से इनकार कर दिया है। अदालत ने हालांकि केंद्र सरकार से दर्शकों को दिवाली के दौरान कुछ राहत देने पर विचार करने को कहा है।
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड और न्यायमूर्ति आरजी केतकर की पीठ ने इस मामले में कोई राहत देने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा, हम नहीं चाहते कि लोगों की दिवाली काली हो। मध्यम वर्ग के लिए टेलीविजन इन दिनों मनोरंजन का सस्ता था मूल स्नेत है। हम ग्राहकों के बारे में चिंतित हैं न कि आपरेटरों के।
उधर, दिल्ली के समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से मणिका सोनल ने बताया कि केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण सचिव उदय कुमार वर्मा ने हालांकि पुष्टि की कि दिल्ली, कोलकाता, मुंबई में एनालाग सिग्नल कल से बंद हो जाएंगे। हालांकि अदालती आदेश के कारण चेन्नई इस सूची में नहीं है। अधिकारियों का दावा है कि दिल्ली में लगभग 95 प्रतिशत दर्शकों ने एसटीबी लगा लिए हैं।
अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली में लगभग एक लाख दर्शक एसटीबी नहीं लगा पाये हैं जिनके टीवी कल बंद हो सकते हैं। अधिकारियों के अनुसार दिल्ली में डिजिटल टीवी कनेक्शन वाले घरों की संख्या 97 प्रतिशत हो गई जिसमें दो प्रतिशत लोगों के पास डीटीएच कनेक्शन है।
दिल्ली के संभागीय आयुक्त धर्मपाल ने कहा कि अधिकारी उन एमएसओ के खिलाफ कार्रवाई शुरु करेंगे जो उन घरों को सिग्नल देंगे जिनके यहां एसबीटी नहीं लगे हैं। आधिकारिक आंकडों के अनुसार दिल्ली में 23.06 लाख घरों में केबल टीवी कनेक्शन है जिनमें से 21.97 लाख ने एसटीबी लगा लिया है जबकि 1.09 लाख ग्राहक इससे दूर हैं। इन चार महानगरों के लिए मंत्रालय के आंकडों के अनुसार केबल टीवी देखने वाले घरों का 94 प्रतिशत तक डिजिटलीकरण हो चुका है। इसमें वे दर्शक भी शामिल हैं जो डायरेक्ट टु होम की सेवाएं ले रहे हैं।
कोलकाता में ऐसी आशंका जताई जा रही है कि पहली ही सैट टाप बाक्स लगा चुके दर्शक भी टीवी कार्य्रकमों से वंचित हो सकते हैं। केबल आपरेटर्स डिजिटाइजेशन कमेटी के संयुक्त समन्वयक मिलन चटर्जी ने कहा कि इस समय सीमा का कार्यान्वयन कानून व व्यवस्था का मामला बन सकता है।
कुछ केबल आपरेटर अपना बचाव करने के लिए सिग्नल बंद कर सकते हैं क्योंकि 60 प्रतिशत लोगों को एसटीबी अभी नहीं मिले हैं। कोलकाता में केबल टीवी डिजिटलीकरण 85 प्रतिशत है जिसमें डीटीएच शामिल है। सरकारी आंकडों के अनुसार कोलकाता में 20.04 लाख केबल टीवी ग्राहकों में से 16.66 पहले ही एसटीबी लगा चुके हैं।
चेन्नई में टीवी केबल ग्राहकों की संख्या 4.14 लाख है जिसमें से लगभग 2.57 लाख एसटीबी लगा चुके हैं। चेन्नई मेट्रो केबल टीवी आपरेटर्स ऐसोसिएशन ने समय सीमा को आगे बढ़ाने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। वहीं सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि डिजिटलीकरण के लिए पर्याप्त समय दिया जा चुका है और समय सीमा को आगे नहीं बढ़ाया जाना चाहिए। अधिकारी ने कहा, अगर कोई केबल आपरेटर डिजिटल नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है तो कार्रवाई की जा सकती है और ऐसे आपरेटर का लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है।

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