शुक्रवार, 9 नवंबर 2012

कमल नाथ वैध सांसद हैं: कोर्ट ने खारिज की याचिका


कमल नाथ वैध सांसद हैं: कोर्ट ने खारिज की याचिका

(सुरेंद्र जायस्वाल)

जबलपुर (साई)। हाईकोर्ट ने केंद्रीय मंत्री व छिंदवाड़ा के सांसद कमलनाथ के निर्वाचन को वैध करार देते हुए पराजित प्रत्याशी चौधरी चन्द्रभान सिंह द्वारा दायर चुनाव याचिका खारिज कर दी। मामला चुनाव प्रचार खर्च के ब्यौरे को कठघरे में रखे जाने से संबंधित था। कमल नाथ के परिवार की एविएशन कंपनी के हेलीकाप्टर के उपयोग पर उन्हें इसका किराया नहीं देना पड़ा।
प्रशासनिक न्यायाधीश कृष्ण कुमार लाहोटी की एकलपीठ ने 31 अक्टूबर को उभयपक्षों की बहस पूरी होने के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। कोर्ट ने अपने आदेश में साफ किया कि चुनाव याचिकाकर्ता ऐसे कोई ठोस तथ्य पेश करने में नाकाम रहा है जिनके आधार पर निर्वाचन शून्य किया जाए। याचिकाकर्ता देयकों के अलावा आरोप को साबित करने वाले अन्य साक्ष्य भी जुटाने में पूरी तरह नाकाम रहा है। इसलिए उसकी याचिका निरस्त करने योग्य है।
मामले की सुनवाई के दौरान कमलनाथ की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक कृष्ण तन्खा पैरवी व शशांक शेखर ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि यह चुनाव याचिका मेंटेनेवल नहीं है अतः खारिज कर दिए जाने योग्य है। 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान विजयी प्रत्याशी कमलनाथ ने चुनाव आयोग के समक्ष चुनाव प्रचार खर्च का जो ब्यौरा प्रस्तुत किया था वह पूर्णतः सत्य था। जहां तक प्रचार में इस्तेमाल किए गए हेलीकॉप्टर के खर्च का सवाल है तो वह 5 घंटे 46 मिनिट के हिसाब से महज 5 लाख 95 हजार 300 रूपए था। चूंकि स्पान एयरलाइंस कमलनाथ के परिवार की कंपनी है अतः उन्हें किसी तरह का किराया अदा नहीं करना पड़ा, केवल ईधन का खर्च ही भुगतान किया गया था, जिसे ब्यौरे में शामिल किया गया।
इधर दूसरी ओर चुनाव याचिकाकर्ता चौधरी चन्द्रभान सिंह के अधिवक्ता ने जोर देकर कहा कि कमलनाथ ने चुनाव प्रचार के दौरान हवाई प्रचार का जो खर्च दर्शाया है वह वास्तवित से बेहद कम है। लिहाजा, वास्तविक खर्च की रोशनी में निर्वाचन शून्य करार देकर छिंदवाड़ा संसदीय सीट पर नए सिरे से चुनाव का रास्ता साफ कर दिया जाए। चुनाव प्रचार के दौरान छिंदवाड़ा के आकाश में कमलनाथ का हेलीकॉप्टर रोजाना लगभग दो घंटे उड़ा करता था। इस तरह 18 दिनों में 36 घंटे के उपयोग का खर्चा 65 हजार प्रतिघंटे के हिसाब से बहुत अधिक होता है जिसे काफी कम दर्शाया गया। चुनाव प्रचार खर्च की अधिकतम सीमा 25 लाख थी जिसका कमलनाथ से उल्लंघन किया था।

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