गुरुवार, 3 जनवरी 2013

सीजे ने किया फास्ट ट्रेक कोर्ट का शुभारंभ


सीजे ने किया फास्ट ट्रेक कोर्ट का शुभारंभ

(महेश)

नई दिल्ली (साई)। दिल्ली में महिलाओं पर अपराधों की तेजी से सुनवाई करने वाली पांच फास्ट ट्रैक अदालतें आज से काम करना शुरू कर देगीं। भारत के प्रधान न्यायाधीश अल्तमश कबीर ने कल शाम दिल्ली में साकेत अदालत परिसर में एक फास्ट ट्रैक अदालत का उद्घाटन किया। दिल्ली में २३ वर्ष की एक छात्रा के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या के मामले पर इस अदालत में सबसे पहले सुनवाई होगी। दिल्ली पुलिस की आज साकेत में मैट्रोपोलिटन मैजिस्ट्रेट की अदालत में इस मामले से संबंधित करीब एक हजार पृष्ठों का आरोप पत्र दायर करने की योजना है। इसके बाद इस मामले पर फास्ट ट्रैक अदालत में रोज सुनवाई होगी।
दिल्ली में पहली फास्ट ट्रैक अदालत का उद्घाटन करते हुए प्रधान न्यायाधीश अल्तमश कबीर ने महिलाओं के प्रति अपराधों पर रोक लगाने के लिए अदालतों की मजबूत भूमिका की पैरवी की । उन्होंने कहा कि ऐसे नृशंस अपराधों के मुकदमों से निपटते समय अपराधियों को कड़ा संदेश मिलना चाहिए।
उधर, उच्चतम न्यायालय, महिलाओं की सुरक्षा और दुष्कर्म के मामलों में तेजी से सुनवाई की मांग संबंधी जनहित याचिका पर आज सुनवाई करेगा। प्रधान न्यायाधीश अल्तमश कबीर की अध्यक्षता वाली पीठ ने पूर्व महिला आई ए एस अधिकारी प्रोमिला शंकर की याचिका सुनवाई के लिए मंजूर कर ली है।
याचिकाकर्ता ने उन सांसदों और विधायकों को निलंबित करने की मांग भी की है, जिन पर महिलाओं के प्रति अपराधों के मामलों में आरोप-पत्र दाखिल किये जा चुके हैं। यह मांग भी की गई है कि दुष्कर्म और महिलाओं तथा बच्चों पर अपराधों के मामलों की जांच महिला पुलिस अधिकारी करें और इन मुकदमों की सुनवाई भी महिला न्यायाधीशों की अदालतों में होनी चाहिए।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के दिल्ली ब्यूरो ने बताया कि दिल्ली में सामूहिक दुष्कर्म की घटना को देखते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग-यूजीसी ने उच्च शिक्षा के अपने सभी संस्थानों को निर्देश दिये हैं कि वे अपने परिसरों में लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करें और उसे मज$बूत करें।
उच्च शिक्षा संस्थानों के कुलपतियों और निदेशकों को लिखे पत्र में यूजीसी के कार्यवाहक अध्यक्ष प्रोफेसर वेद प्रकाश ने देशभर के शिक्षा संस्थानों में महिलाओं के प्रति संवेदनशील पाठ्यक्रमों की जरूरत पर बल दिया। प्रोफेसर वेद प्रकाश ने यह भी कहा कि संस्थानों में लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाये ताकि संस्थानों का माहौल उन्हें शिक्षा के लिये प्रेरित कर सके।

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