मंगलवार, 8 जनवरी 2013

मैंने नहीं कहा कि सार्वजनिक हो बेटी का नाम

मैंने नहीं कहा कि सार्वजनिक हो बेटी का नाम



(प्रेम शुक्‍ला)

एक दिन पहले लंदन के डेली मिरर अखबार द्वारा पीड़िता के पिता के हवाले से बेटी का नाम सार्वजनिक किये जाने के बाद अब पीड़िता के पिता के हवाले से भारत के एक अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स ने दावा किया है कि पीड़िता के पिता ने इस बात से इंकार किया है कि उसने लंदन के अखबार से नाम सार्वजनिक करने के लिए कहा था। पीड़िता के पिता का कहना है कि उन्होंने सिर्फ यह कहा था कि अगर उनकी बेटी के नाम पर कानून का नामकरण होता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।
एक दिन पहले डेली मेल अखबार ने अपने संडे संस्करण में पीड़िता के पिता के हवाले से कहा था कि वे चाहते हैं कि उनकी बेटी के नाम के बारे में दुनिया जाने क्योंकि उसने कुछ गलत नहीं किया था बल्कि उसके साथ जो गलत हुआ था उसने उसका विरोध किया था। लेकिन अब हिन्दुस्तान टाइम्स अखबार ने पीड़िता के पिता के हवाले से कहा है कि रविवार की शाम को ही जब अखबार ने पीड़िता के पिता से संपर्क किया तो उन्होंने ऐसा कोई दावा करने से इंकार कर दिया है।
दिल्ली से प्रकाशित होनेवाले मेल टुडे अखबार ने कुछ दिन पहले संकेतों में उस पीड़िता लड़की का नाम सार्वजनिक किया था जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने अखबार के खिलाफ धारा 228 (ए) के तहत मुकदमा दर्ज किया था जिसके तहत प्रावधान है कि बलात्कार संबंधी किसी मामले में (भारतीय दंड संहिता की धारा 376) अगर पीड़िता का नाम या पहचान कोई अखबार या फिर प्रकाशन संस्थान सार्वजनिक करता है तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
भारत के दो समाचार समूहों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने इसी धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया है और पीड़िता की पहचान सार्वजनिक करने का दोषी करार दिया है।
बहरहाल देखना यह होगा कि दिल्ली पुलिस डेली मिरर के खिलाफ क्या कार्रवाई करता है। क्योंकि न सिर्फ उसने सभी नाम सार्वजनिक किये हैं बल्कि अभी भी उसकी वेबसाइट पर पूरी स्टोरी मौजूदहै।
(विस्‍फोट डॉट काम से साभार)

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