मंगलवार, 8 जनवरी 2013

अपनी ढपली अपना राग


अपनी ढपली अपना राग

(अनामिका)

नई दिल्‍ली (साई)। एक अनाम कथित तौर पर नाम वाली बलात्‍कार पीडित बाला के बारे में देश भर में जिसे जो बन पड रहा है वह उसके बारे में अपने विचार प्रकट करता जा रहा है। विदेशी अखबार ने तो देश के कानून को धता बताकर बाकायदा पीडिता का नाम उसके पिता के हवाले से ही उजागर कर दिया है। इसी बीच संत आशाराम बापू ने भी इस मामले में एक बयान देकर हाड गलाने वाली ठण्‍ड में तापमान बढा दिया है।

दिल्ली की जिस घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है उस पर कई लोग अपने विभिन्न विचार रख चुके हैं। मर्यादा से लेकर डेंटेड-पेंटेड तक की राय राजनीतिज्ञों ने रखी। अब जनता को सत्यसंग और शांति का पाठ पढ़ानेवाले धर्म गुरू आशाराम बापू भी रायचंदों की रेस में शामिल हो गए हैं। उनका कहना है कि उस घटना के लिए केवल वह 5 या 6 लोग दोषी नहीं बल्कि पीड़ित भी उन बलात्कारियों के बराबर की दोषी है।
आशाराम बापू ने तो पीड़ित को खुद को बचाने का भी रास्ता सुझा दिया। उन्होंने कहा कि अगर पीड़ित उन लोगों को भईया कहती और उनसे रुकने की प्रार्थना करती तो वह अपनी जिंदगी और इज्जत दोनों बचा सकती थी। आशाराम बापू इतना कहकर नहीं रूके। उन्होंने आगे कहा कि क्या एक हाथ से ताली बज सकती है? मुझे तो नहीं लगता। उन्होंने दोषियों को कड़ी सजा देने का भी विरोध किया और कहा कि कानून का गलत इस्तेमाल हो सकता है। उन्होंने दहेज उत्पीड़न कानून का उदाहरण देते हुए कहा कि दहेज उत्पीड़न कानून, कानून के गलत इस्तेमाल का सबसे बड़ा उदाहरण हैं।

आशाराम बापू के बयान की आलोचना भी शुरू हो गई है। कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा कि नेताओं के साथ ही धार्मिक गुरुओं को भी बोलने से पहले सोच लेना चाहिए। भाजपा नेता बलबीर पुंज ने कहा कि इस कद के व्यक्ति ने बड़ा ही बचकाना बयान दिया है इसकी न केवल निंदा होनी चाहिए बल्कि इस पर हंसना भी चाहिए। भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि माफ कीजिए यह बात बिल्कुल अस्वीकार्य है। आशाराम बापू ने दिल्ली की दिलेर के विषय में जो बात कही है वह निंदा योग्य और परेशान करनेवाली है। उन्हें अपने बयान को तुरंत वापस लेना चाहिए।

दिल्ली की घटना पर इससे पहले कई लोग अपनी राय दे चुके हैं इनमें कांग्रेस से लेकर भाजपा तक के लोग शामिल हैं। जहां कांग्रेस सांसद अभिजीत मुखर्जी ने महिला आंदोलनकारियों पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि जो लोग प्रदर्शन कर रहे हैं वह छात्र हैं इसमें उन्हें संदेह हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि जो महिलाएं प्रदर्शन में भाग लेने आ रही है वह काफी डेंटेड-पेंटेड होकर आ रही है। उनके इस बोल काफी हंगामा हुआ और बाद में उन्हें इस बात पर सफाई देनी पड़ी।

इसके अलावा हाल में मध्य प्रदेश के भाजपा विधायक कैलाश विजयवर्गीय ने महिलाओं ने मर्यादा का पाठ पढ़ाया था। उन्होंने कहा था कि एक ही शब्द मर्यादा। मर्यादा का उल्लघंन होता है तो सीता का हरण हो जाता है। लक्ष्मण रेखा हर व्यक्ति की खींची गई है। उस लक्ष्मण रेखा को कोई भी पार करेगा तो रावण सामने बैठा है। सीता का हरण करके ले जाएगा। इस बयान पर भी काफी हंगामा हुआ था और बाद में विधायक को अपना बयान वापस लेना पड़ा था। राय देने में आरएसएस के मोहन भागवत भी पीछे नहीं थे उन्होंने भारत और इंडिया का वर्गीकरण करते हुए कहा था कि बलात्कार जैसी घटनाएं भारत के मुकाबले इंडिया में ज्यादा होती हैं।

जहां तक बात आशा राम बापू की वह उन्होंने इससे पहले ऐसी बात कही है जिस पर काफी हल्ला मचा है। इससे पहले उन्होंने उनके आश्रम में दो बच्चों की रहस्यमयी मौत की जांच के बारे में कहा था कि अगर मोदी उसकी जांच के आदेश देते है तो गुजरात से उनकी सत्ता को वह उखाड़ फेकेंगे। बहरहाल मोदी की सरकार को तो कुछ नहीं हुआ लेकिन बच्चों की मौत पर सीआईडी ने चार्जशीट जरूर दाखिल कर दी।

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