शनिवार, 16 फ़रवरी 2013

महिला सशक्तिकरण सह सुशासन सम्मेलन में सीएम


महिला सशक्तिकरण सह सुशासन सम्मेलन में सीएम

(एस.के.वर्मा)

डिंडोरी (साई)। मुख्यमंत्री ने शहपुरा पॅहुचने पर जिले के नवाचार मोरे डुबलिया के अंतर्गत महिला सशक्तिकरण का दीप प्रज्जवलित कर 21 गर्भवती महिलाओं की गोदभराई कार्यक्रम में सम्मिलित हुये तथा प्रोजेक्ट परिवर्तन के तहत वाहन चालन प्रशिक्षण प्राप्त 40 बालिकाओं एवं महिलाओं को वाहन चालक लायसेंस के साथ शासन की विभिन्न विभागीय योजनाओं से लाभान्वित हितग्राहियों को अनुदान राशि के चौक एवं सामग्री का वितरण किया।
सम्मेलन को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं को सशक्त बनाकर राजनीति की दिशा बदलने की कोशिश है। लोकतंत्र में जनप्रतिनिधियों को जनता के सेवक के रूप में कार्य करना चाहिए। विकास को आन्दोलन बनाना, जनता के कल्याण के लिए कार्य करना और सभी के सहयोग से गरीबी मिटाना सरकार का संकल्प है। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में अधिकांश वन में बसे लोगों को वनाधिकार पत्र दिये जा चुके हैं और अभी भी वन में काबिज व्यक्तियों को हथया नहीं जायेगा बल्कि उनके वनाधिकार पत्र बनाये जायेगे। लोक तंत्र में विकास पंक्ति में खड़े अन्तिम व्यक्ति का विकास प्रदेश का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि गरीब व्यक्ति के आवास की समस्या हल होगी और जो गरीब आवास भूमि में काबिज है उन्हें आवास से वंचित नहीं किया जायेगा बल्कि पट्टे जारी किये जायेंगे। उन्होंने निःशुल्क पाठ्य-पुस्तक वितरण, गणवेश, निःशुल्क साइकिल वितरण जैसी योजनाओं की जानकारी देते हुये कहा कि प्रत्येक अनुसूचित जन जाति विकासखंडों में एक अंग्रेजी माध्यम का स्कूल खोला जायेगा। इसी प्रकार प्रदेश में हिन्दी विश्वविद्यालय खोलकर इंजीनियरिंग एवं मेडिकल की पढ़ाई हिन्दी में कराई जायेगी। विदेश में जाकर शिक्षा ग्रहण करने वाले बेटे-बेटी को 15 लाख देकर पढ़ाया जायेगा। उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के लिए बैक ऋण की गारंटी सरकार लेगी। विद्यार्थी की नौकरी लगने के 6 माह बाद उसे मूलधन भी किश्त में लौटाने की सुविधा दी जायेगी तथा ब्याज भी राज्य सरकार भरेगी। इसी प्रकार गरीबों को अपना काम-धंधा शुरू करने के लिए 50 हजार तक के बैंक ऋण की गारंटी मुख्यमंत्री ग्राम स्वरोजगार योजना के तहत सरकार लेगी और 5 वर्ष तक ब्याज भी देगी।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि किसान पंचायत में तय किया गया है कि किसान का बिजली बिल हर महीने नहीं आयेगा। बल्कि किसान को एक हार्स पावर बिजली के 12 सौ रूपये वार्षिक जमा करने होंगे शेष राशि शासन देगा। किसान के पिछले बिल का बकाया सरचार्च भी माफ होगा और जो मूल बचेगा उसकी भी आधी  राशि सरकार देगी। शेष राशि किसान को आसान किश्तों में भुगतान करना होगी। किसान की उपज खरीदने के लिए गेहूँ का समर्थन मूल्य 15 सौ रूपये किया जायेगा। कार्यक्रम को  राज्य सभा सदस्य सांसद श्री फगगन सिंह कुलस्ते ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री श्री देवसिंह सैयाम सहित जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक एवं बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वनवासी सेवा मंडल की स्मारिका का विमोचन भी किया ।
दिन भर चले इस आयोजन के प्रारंभ में महिलाओं के लिये विभिन्न विभागों द्वारा चलाये जा रहे क्ल्याणकारी कार्यक्रमों की जानकारी दी गई। कार्यक्रम का संचालन सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्री श्रोत्रीय एवम गिरीश बिल्लोरे बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा किया गया। 

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