शनिवार, 8 जनवरी 2011

मंत्री मण्डल विस्तार 17 को

ज्योतिरादित्य, अरूण यादव की हो सकती है पदोन्नति

एक दूसरे के पर कतरने में लगे मंत्री

प्रणव, चिदम्बरम और मोईली कृष्णा आमने सामने

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। वजीरे आजम डॉ.मनमोहन सिंह 17 जनवरी को अपने पत्ते फेंट सकते हैं। केंद्रीय मंत्रीमण्डल के बहुप्रतिक्षित फेरबदल में अनेक मंत्रियों का वजन कम तो कुछ युवाओं को महत्वपूर्ण जवाबदारी मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इसमें मध्य प्रदेश के ज्योतिरादित्य सिंधिया और अरूण यादव की पदोन्नति की संभावनाएं प्रबल हैं। नीरा राड़िया के टेप कांड में नाम आने के बाद एक केंद्रीय मंत्री पर गाज गिरने की अटकलें भी लगाई जा रहीं हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के करीबी सूत्रों का कहना है कि मंत्रीमण्डल के संभावित नामों और उनके विभागों के बारे में प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह ने सोनिया गांधी से चर्चा कर ली है। उधर युवा महासचिव राहुल गांधी की मंशा के अनुरूप मंत्रीमण्डल में युवा कांधों पर अधिक जवाबदारी देने का प्रयास प्रधानमंत्री द्वारा किया जाएगा। पीएमओ के उच्च पदस्थ सूत्रों ने संकेत दिए कि अगर किसी कारणवश 17 को मंत्रीमण्डल में फेरबदल नहीं हो पाता है तो यह शनिवार 22 जनवरी को होगा।

मंत्रीमण्डल में फेरबदल की संभावनाओं की अटकलों के साथ ही मौजूदा मंत्रियों द्वारा एक दूसरे से ‘‘हिसाब किताब‘‘ चुकता करने की कवायद भी की जा रही है। कांग्रेस के मंत्रियों द्वारा एक दूसरे पर कीचड़ उछालने के छींटे प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष के दरबार तक पहुंच रहे हैं। एक दूसरे को निपटाने की मुहिम से कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी खासी खफा बताई जा रही हैं।

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी और गृह मंत्री पलनिअप्पम चिदम्बरम के बीच अनबन अब सड़कों पर आ गई है। मंहगाई पर चिदम्बरम के हालिया बयान को प्रणव को उस बात का जवाब माना जा रहा है जिसमें आशंका व्यक्त की गई थी कि गृह मंत्रालय के कामकाज पर उठती उंगलियों के पीछे प्रणव मुखर्जी का हाथ है।

स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नवी आजाद से खफा कुछ मंत्रियों द्वारा उनकी कारगुजारियों के चिट्ठे सोनिया गांधी तक पहुंचा दिए हैं। उधर भूतल परिवहन मंत्री कमल नाथ के खिलाफ मीडिया में बने माहौल, नीरा राडिया प्रकरण में 15 फीसदी कमीशन के आरोप और स्वर्णिम चतुर्भुज के उत्तर दक्षिण गलियारे के विवाद के चलते उन्हें खुद प्रधानमंत्री और सोनिया गांधी को सफाई भी देनी पड़ी थी।

इसी तरह कर्नाटक की राजनैतिक फिजां में विदेश मंत्री एम.एस.कृष्णा और कानून मंत्री वीरप्पा मोईली के बीच चल रहे विवाद को वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा हवा दे रहे हैं। कहा जा रहा है कि आनंद शर्मा वाणिज्य विभाग के बजाए अपने पुराने पसंदीदा विदेश मंत्रालय को पाना चाह रहे हैं। विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि आनंद शर्मा की शह पर फारेन मिनिस्ट्री के अधिकारी पीएमओ को ही गलत जानकारियां भेज रहे हैं ताकि कृष्णा की स्थिति उनके सामने कमजोर की जा सके।

इसके अलावा मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल को संचार मंत्रालय का प्रभार मिलना अनेक मंत्रियों की आंखों में खटक रहा है। भारी उद्योग मंत्री विलासराव देशमुख, सूचना प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी, सी.पी.जोशी, वी.नारायणसामी, पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश, कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायस्वाल, अल्पसंख्यक मंत्री सलमान खुर्शीद, तेल मंत्री मुरली देवड़ा, उर्जा मंत्री सुशील कुमार शिंदे आदि के कारनामों पर भी सोनिया गांधी गौर फरमा सकती हैं।

सोनिया के करीबी सूत्रों का कहना है कि मध्य प्रदेश के दो युवा क्षत्रप ज्योतिरादित्य सिंधिया और अरूण यादव सोनिया और राहुल की नजरों मे उभरकर सामने आए हैं। सूत्रों ने संकेत दिए कि इन दोनों में से किसी एक को मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद पर बिठाया जा सकता है, सूत्रों ने यह भी कहा कि अगर दोनों ने इस जवाबदारी के लिए मना किया तो इन दोनों की पदोन्न्ति तय है।

कृष्णा ने दी सफाई
विदेश मंत्री एस.एम.कृष्णा को मंत्री मण्डल से हटाने की अटकलें और अफवाहें इस कदर फैल चुकी हैं कि उनको इस मामले में सफाई देना पड़ा। उन्होंने खुद को विदेश मंत्री पद से हटाए जाने से जुड़ी अटकलों को शुक्रवार को खारिज कर दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस बारे में फैसला लेना प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है। विदेश मंत्रालय से भी बड़ी जिम्मेदारी सम्भालने के सवाल पर कृष्णा ने कहा कि अटकलें मीडिया के कुछ भद्रजनों की हैं। आप अटकलें लगाते रहें और हम उसके बारे में पढ़ते और देखते रहें।

1 टिप्पणी:

समयचक्र ने कहा…

तो मध्यप्रदेश के लिए शुभ सन्देश है ...बढ़िया खबर है ... आभार