शुक्रवार, 4 फ़रवरी 2011

नशेलों पर शिकंजा कसने की तैयारी में सरकार


नशेलों पर शिकंजा कसने की तैयारी में सरकार
समिति ने सुझाए कड़े प्रावधान
नई दिल्ली (ब्यूरो)। नशे की हालत में वाहन चलाने वालों पर सरकार का शिकंजा कसने वाला है, आने वाले दिनों में नशे में वाहन चलाने के एवज में 10,000 रुपये तक का जुर्माना और एक साल की सजा का प्रावधान किया जा रहा है। मोटर वाहन अधिनियम में सुधार की सिफारिशो को यदि मान लिया जाता हैए तो राजधानी में शराब पीकर गाड़ी चलाना या ड्राइविंग करते हुए मोबाइल फोन पर बात करना काफी महंगा साबित हो सकता है।
अधिनियम में सुधार के सुझावों को यदि मंजूरी मिल जाती है, तो गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन पर बात करने वालों वालो को 1,000 रुपये तक का जुर्माना देना पड़ेगा। एक विशेषज्ञ समिति ने सुझाव दिया है कि यदि कोई व्यक्ति शराब पीकर गाड़ी चलाता पकड़ा जाता है, और उसके 100 एमएल खून में 150 एमजी तक शराब पाई जाती है, तो उसे छह माह से एक साल की सजा होनी चाहिए या उस पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाना चाहिए या फिर दोनों हो सकती हैं। यदि व्यक्ति के शरीर में 30 से 150 एमजी तक शराब पाई जाती हैए तो उसे छह माह की सजा या पाच हाजर रुपए का जुर्माना या अर्थदंड और जेल दोनों हो सकती हैं।
पूर्व सड़क सचिव एस सुंदर की अध्यक्षता वाली दस सदस्यीय समिति द्वारा तैयार 411 पृष्ठों की रिपोर्ट में ये सुझाव दिए गए हैं। समिति ने मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के सुधार के बारे में अपने सुझाव दिए हैं। समिति ने अपनी रिपोर्ट सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री सी पी जोशी को अपनी रिपोर्ट सौंपी है। समिति ने सुझाव दिया है कि यदि गाड़ी चलाते हुए कोई व्यक्ति मोबाइल पर बात करता पकड़ा जाता है, तो उस पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाना चाहिए। साथ ही इसमें पेनल्टी अंको का प्रावधान भी होना चाहिए।

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