शुक्रवार, 4 फ़रवरी 2011

मुख्य सचिवों के सम्मेलन में बोले पीएम


भ्रष्टाचार से बुरी तरह आहत हैं प्रधानमंत्री
नई दिल्ली (ब्यूरो)। घपलों और घोटालों से घिरी केंद्र सरकार में अपने सहयोगियों की कारगुजारियों से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह बुरी तरह आहत हैं। उन्होंने कई घोटालों के उजागर होने के मद्देनजर भ्रष्टाचार के दानव पर चिंता जाहिर करते हुए शुक्रवार को कहा कि इससे भारत की छवि को नुकसान पहुंचा है।
राज्यों के मुख्य सचिवों के दूसरे सालाना सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यहां शुक्रवार को कहाए श्भ्रष्टाचार सुशासन की जड़ पर प्रहार करता है। यह त्वरित विकास की दिशा में रुकावट है। यह सामाजिक समावेशिकरण के हमारे प्रयासों को बेअसर नहीं तो हल्का अवश्य करता है। इससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय में हमारी छवि को नुकसान पहुंचता है और हमें अपने ही लोगों में प्रतिष्ठा कम होती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद की चुनौती से सशक्त, साहसी और त्वरित ढंग से निपटने की जरूरत है। उन्होंने न्यायपालिका की जवाबदेही और भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने वालों की हिफाजत से सम्बद्ध संसद में पेश किए गए दो विधेयकों को भी उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि कानून के साथ-साथ प्रशासनिक पद्धतियों में जरूरी बदलाव और प्रक्रियाओं में तेजी लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के अवसरों में कमी लाने के लिए व्यवस्थित प्रतिक्रिया लाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहाए इसके प्रमाण है कि प्रतिस्पर्धा लानेए चुनने के व्यापक मौकों और आधुनिक तकनीक से भ्रष्टाचार से सार्थक ढंग से निपटा जा सकता है।

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