गुरुवार, 9 जून 2011

पालीथिन उड़ रही हैं त्रिकुटा की पहाड़ी में


अव्यवस्था के साए में वेष्णो देवी यात्रा . . . 2
 
पालीथिन उड़ रही हैं त्रिकुटा की पहाड़ी में
 
दस माईक्रोन से कम की बरसाती मिल रही है 20 रूपए में!
 
भवन के पास उड़ रहा नियम कायदों का मजाक
 
(सी.एस.जोशी)
कटड़ा। त्रिकुटा की पर्वत श्रंखलाओं पर विराजी माता रानी के दरबार और आधार केम्प कटड़ा में पालीथिन का प्रयोग पूरी तरह प्रतिबंधित होने के बाद भी त्रिकुटा पर्वत पर यत्र तत्र पालीथिन की थैलियां उड़ती नियम कायदों का माखौल उड़ा रही हैं। माता वेष्णो देवी श्राईन बोर्ड के ढुलमुल रवैए के चलते हिन्दु धर्मावलंबियों के इस पावन तीर्थ स्थल की शक्ल बिगड़ती जा रही है।
दर्शन को आए श्रृद्धालुओं ने बताया कि बारिश होने पर पानी से बचने के लिए जब लोगों द्वारा माता रानी के भवन के पास की दुकानों पर बरसाती मांगी जाती है तो दुकानदारांे द्वारा उन्हें महज बीस रूपए मूल्य चुकाने पर पतली सी महीन बरसाती सौंप दी जाती है। इस बरसाती में उपयोग किए जाने वाला प्लास्टिक दस माईक्रोन से कम का ही प्रतीत होता है।
बरसाती इतनी पतली होती है कि दर्शन के लिए उपर चढ़ते या उतरते समय ही यह फट जाती है। श्रृद्धालुओं द्वारा इस फटी बरसाती हो त्रिकुटा पर्वत पर ही फंेक दिया जाता है, जो तेज हवा में यत्र तत्र उड़ती दिखाई पड़ जाती है। अव्यवस्था के साए में चलने वाली इस यात्रा में इस तरह की गंभीर लापरवाही से त्रिकुटा पर्वत और आधार केम्प कटड़ा का पर्यावरण बिगड़े बिना नहीं है।

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