गुरुवार, 9 जून 2011

गेंहू के सुरक्षित भंडारण की मांग की मुख्यमंत्री ने

गेंहू के सुरक्षित भंडारण की मांग की मुख्यमंत्री ने

नई दिल्ली (ब्यूरो)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने आज यहां केन्द्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली मंत्री प्रो0 के0 व्ही0 थामस, उर्वकर मंत्री जैना एवं भूतल परिवहन मंत्री सी.पीजोशी से भेंट की।
श्री चैहान ने श्री थामस को बताया कि मध्यप्रदेश में इस वर्ष 49 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं का समर्थन मूल्य पर उपार्जन किया गया है। अगले वर्ष 62 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं का समर्थन मूल्य पर उपार्जन होने की संभावना है। अभी गेहूं  खुले में रखा हुआ है इसे अन्य राज्यों में भेजने की व्यवस्था की जाए। लगभग 18 लाख मीट्रिक टन गेहूं खुले में रखा है जिसके सुरक्षित भण्डारण की आवश्यकता है । श्री चैहान ने प्रदेश में 30 लाख मीट्रिक टन अनाज के भण्डारण की क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता बतायी। खुले में रखे हुए गेहूं को बरसात होने के पूर्व सुरक्षित भण्डारण की आवश्यकता है अन्यथा बरसात में गेहूं खराब हो सकता है। लगभग 18 लाख मीट्रिक टन गेहूं खुले में रखा हुआ है।
श्री चैहान ने श्री थामस को बताया कि प्रदेश में वेयरहाउसिंग बनाने के लिए जमीन उपलब्ध कराई जायगी । केन्द्र सरकार वेयरहाउसिंग के निर्माण के लिए प्रदेश को आवश्यक धनराशि भी  उपलब्ध कराये।
केन्द्रीय मंत्री श्री थामस ने मुख्यमंत्री श्री चैहान को आश्वस्त किया कि मध्यप्रदेश में उपलब्ध गेहूं को सुरक्षित रूप से अन्य राज्यों को भेजा जायेगा। मध्यप्रदेश में उपलब्ध गेहूं को अन्य देशों को निर्यात करने के लिए भी भेजा जा रहा है। नाबार्ड की मदद से प्रदेश में 30 लाख मीट्रिक टन भण्डारण क्षमता के गोदाम बनाने के प्रयास किये जायंगे। राज्य में ग्रामीण भण्डारण के रूप में भण्डार गृह तैयार किये जाएं। मुख्यमंत्री श्री चैहान की मांग के अनुरूप उन्होंने चार माह का अग्रिम आवंटन बीपीएल परिवारों के लिए अग्रिम रूप से दिये जाने की सहमति जतायी। श्री थामस ने गेहूं के संग्रहण के लिए किसानों को राशि का भुगतान सीधे उनके खाते में किये जाने के लिए बधाई दी। श्री थामस ने सुझाव दिया कि अस्थायी रूप से भण्डारण की व्यवस्था की जाय जिससे गेहूं खराब नहीं हो। मुख्यमंत्री श्री चैहान ने श्री थामस को बताया कि प्रदेश में वन समितियों के माध्यम से सार्वजनिक वितरण प्रणाली का भी प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश के पांच जिलों में राशन कार्डों को यू आई डी से लिंक किया जा रहा है जिससे बीपीएल के परिवारों को सही रूप से राशन उपलब्ध हो सके। श्री चैहान ने श्री थामस से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए एक लाख मीट्रिक टन चावल के बदले में आवश्यकतानुसार गेहूं आवंटित किये जाने का आग्रह किया।
इसके उपरांत मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्रीकांत जेना से भेंट की। श्री चैहान ने श्री जेना से अनुरोध किया कि प्रदेश में सोयाबीन का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रदेश की जरूरत के अनुसार दो लाख 70 हजार मीट्रिक टन डीएपी खाद शीघ्र उपलब्ध करायी जाए। 15 जून से 30 जुलाई का समय सोयाबीन की बुवाई का होता है। उस समय डीएपी खाद की अत्यंत आवश्यकता होती है। श्री चैहान ने बताया कि दो लाख 70 हजार मीट्रिक टन डीएपी की जरूरत की तुलना में प्रदेश को एक लाख 45 हजार मीट्रिक टन का आवंटन किया गया है। इसमें से अभी केवल 62 हजार मीट्रिक टन डीएपी प्राप्त हुआ है।
केन्द्रीय मंत्री श्री जेना ने श्री चैहान को बताया कि प्रदेश में खाद्यान उत्पादन की स्थिति को देखते हुए प्रदेश को आवश्यकतानुसार डीएपी और अन्य खाद उपलब्ध करायी जाएगी । 82 हजार मीट्रिक टन डीएपी खाद 25 जून तक उपलब्ध करा दी जाएगी। प्रदेश को और जितनी खाद की आवश्यकता होगी केन्द्र सरकार प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराएगा । श्री जेना ने गेहूं के समर्थन मूल्य पर खरीदी पर किसानों को बोनस दिये जाने और भुगतान की राशि सीधे किसानों के खाते में जमा किये जाने के लिए श्री चैहान की सराहना की।
प्रदेश की जर्जर सडकों के मसले में सीएम ने केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री डाॅ. सी.पी.जोशी से भेंट की। श्री चैहान ने श्री जोशी का ध्यान आकर्षित किया कि एनएचएआई के पास 1250 किलोमीटर लम्बाई के सात मार्गों के निर्माण के कार्य की जिम्मेदारी है किन्तु अभी तक इनके कार्य में कोई प्रगति नहीं है। मध्यप्रदेश रोड डेवलेपमेंट कारपोरेशन के पास 700 किलोमीटर लम्बाई की 8 सड़कों के निर्माण की जिम्मेदारी है इनमें से 7 सड़कों के डीपीआर बनाकर भारत सरकार को बनाकर भेज दिये गये हैं। इनमें से एक ग्वालियर-भिण्ड मार्ग की स्वीकृति प्राप्त हुई। श्री चैहान ने डाॅ. जोशी से 7 सड़कों की स्वीकृति शीघ्र दिये जाने और इसके लिए राशि दिये किये जाने का आग्रह किया है।
श्री चैहान ने बताया कि इंटर स्टेट कनेक्टविटी की योजना के अंतर्गत 11 सड़कों का निर्माण किया जाना है जिस पर 140 करोड़ रूपये की लागत आएगी। इसी प्रकार केन्द्रीय सड़क निधि (सीआरएफ) के अंतर्गत वर्ष 2009-10 और 2010-11 के दौरान स्वीकृत कार्यों को पूरा करने के लिए आवंटन उपलब्ध कराने का आग्रह किया।
श्री जोशी ने इंटर स्टेट कनेक्टविटी की योजना के अंतर्गत 140 करोड़ रूपये शीघ्र स्वीकृत किये जाने का आश्वासन दिया। अन्य मदों से भी प्रदेश को राशि उपलब्ध करायी जाएगी।

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