रविवार, 10 जुलाई 2011

शीर्ष स्तर पर सब कुछ सामान्य नहीं है कांग्रेस में

शीर्ष स्तर पर सब कुछ सामान्य नहीं है कांग्रेस में

प्रणव सोनिया के बीच अनबन हो रही सार्वजनिक

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। सवा सौ साल पुरानी कांग्रेस में वर्तमान में शीर्ष स्तर पर सब कुछ सामान्य सा नहीं दिख रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी के ट्रबल शूटर प्रणव मुखर्जी अब सोनिया के बजाए मनमोहन के लिए ज्यादा पाबंद दिखाई दे रहे हैं। प्रणव मुखर्जी के कार्यालय की जासूसी के मामले से प्रणव और सोनिया के बीच की खाई बढ़ती जा रही है।

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के करीबी सूत्रों का कहना है कि मुखर्जी को शक है कि उनके कार्यालय की जासूसी सोनिया के इशारे पर ही संभव हो सकी है। सूत्रों ने कहा कि प्रणव मुखर्जी ने पहले एक गुप्चर एजेंसी के माध्यम से पूरे मामले की तहकीकात करवाई और जब इस मामले की गंभीरता उनके सामने आई तब उन्होंने इसकी शिकायत प्रधान मंत्री से की।

अब भले ही प्रणव मुखर्जी यह कह रहे हों कि वे आईबी की जांच से संतुष्ट हैं किन्तु उनके मन में यह बात घर कर गई है कि उनकी जासूसी करवाने वाली ताकत कांग्रेस की प्रमुख रणनीतिकार दल में ही है। प्रणव को इस बात की चिंता भी सता रही है कि एक अगस्त से आहूत संसद के मानसून सत्र में अन्य मामलों के साथ जासूसी मुद्दा भी गरमाएगा।

प्रणव के बाद सोनिया की कोटरी में उनका स्थान लेने के लिए मची होड़ में अब कांग्रेस के आलंबरदार सोनिया और प्रणव के बीच की दूरी को बढ़़ाने का काम कर रहे हैं। कांग्रेस के अंदर खाते से आ रही खबरों के अनुसार जासूसी सहित अन्य मामलों से नाराज प्रणव मुखर्जी ने अब प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह का पाला थाम लिया है, जिससे अब सत्ता और संगठन आमने सामने आ गए हैं।

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