मंगलवार, 27 सितंबर 2011

संदीप पर क्यों मेहरबान हैं शिव!


संदीप पर क्यों मेहरबान हैं शिव!

डंपर मामले में क्लीन चिट दी थी नावलेकर ने शिवराज को

पीसीसी जाकर जमुना देवी का कर्ज उतारा शिव ने

तीन चार माह की कार्यवाही हो गई चुटकी में

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की चीन यात्रा में सूबे के लोकायुक्त पी.पी.नावलेकर के सुपुत्र संदीप को साथ ले जाने का मामला कांग्रेस ही नहीं भाजपा में भी गरमाने लगा है। भाजपा में भी अब संदीप नावलेकर की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कैलाश विजयवर्गीय के साथ की गई यात्रा को डंपर कांड से जोड़कर देखा जाने लगा है। इस मामले को तूल पकड़ते देख अब शिवराज विरोधी तेजी से सक्रिय होने लगे हैं।

ज्ञातव्य है कि शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ पिछले विधानसभा चुनाव के पहले ही डंपर कांड की काली छाया पड़ गई थी। चुनाव में मध्य प्रदेश के प्रभारी महासचिव व्ही.नारायणसामी द्वारा शिवराज को डंपर सिंह चौहान की संज्ञा भी दी जाने लगी थी। उस वक्त नेता प्रतिपक्ष जमुना देवी ने भी बड़ी मुखरता के साथ शिवराज सिंह चौहान का विरोध किया था।

चुनावों के उपरांत डंपर मामले में लोकायुक्त संगठन द्वारा आनन फानन शिवराज सिंह चौहान को क्लीन चिट दे दी गई थी। भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों का दावा है कि इसके लिए शिवराज सिंह चौहान द्वारा सभी दृष्टिकोण से मोर्चाबंदी की गई थी। कहा जा रहा है कि क्लीन चिट के मामले में शिवराज ने तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष जमुना देवी को भी सिद्ध कर लिया था, ताकि वे इसका विरोध न करें। हाल ही में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के भोपाल स्थित कार्यालय जाकर जमुना देवी को सार्वजनिक तौर पर श्रृद्धांजली देकर शिवराज ने सभी को चौंका दिया है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि शिवराज सिंह ने अपने उपर लगे डंपर कांड के दाग धुलने का कर्ज इसी बहाने अदा कर दिया है।

सूत्रों ने यह भी कहा कि अमूमन इस तरह के मामलों की जांच में काफी लंबा वक्त लग जाता है किन्तु जिस दु्रत गति से इस काम को अंजाम दिया गया वह हैरत अंगेज ही रहा। इतना ही नहीं मध्य प्रदेश के उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ भी लोकायुक्त में मामला अभी लंबित है। कहा जा रहा है कि लोकायुक्त पर दबाव बनाने और उन्हें उपकृत करने की गरज से शिवराज सिंह चौहान ने लोकायुक्त पुत्र संदीप को अपने साथ चीन ले जाया गया था। सच्चाई क्या है यह तो संदीप जाने या शिवराज पर विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इस मामले से विधानसभा गूंज सकती है।

संदीप को साथ ले जाने के मामले में पीसीसी चीफ कांतिलाल भूरिया की दिलचस्पी के चलते अब शिवराज को घेरने की रणनीति बनने लगी है। आरोपित है कि इसके पहले शिवराज सिंह चौहान को अनेक मामलों में घेरने में कांग्रेस पूरी तरह असफल रही है। कांग्रेस पर शिवराज सिंह चौहान से मैनेज होने के आरोप भी लगते रहे हैं।

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