सोमवार, 5 सितंबर 2011

नई भर्ती को तवज्जो देने से नाराज हैं पुराने कांग्रेसी

नई भर्ती को तवज्जो देने से नाराज हैं पुराने कांग्रेसी

समाजवादी पार्टी का चेहरा बनी यूपी कांग्रेस

उत्तर प्रदेश कांग्रेस में उबल रहा जबर्दस्त असंतोष

राहुल दिग्गी को मंहगी पड़ सकती है पुराने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा

आयतित नेता पड़ रहे हैं कांग्रेसियो पर भारी

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। दूसरे दलों से नाता तोड़कर कांग्रेस का दामन थामने वाले नेताओं को जिम्मेदार ओहदों पर बिठाने के चलते कांग्रेस के पुराने नेताओं की भवें तनती दिख रही हैं। देश भर विशेषकर उत्तर प्रदेश में कांग्रेस में प्रवेश पाने वाले अन्य दलों के नेताओं को तवज्जो देने से कांग्रेस का सालों साल झंडा उठाने वाले खासे नाराज दिख रहे हैं। कांग्रेसियों का आरोप है कि खालिस कांग्रेसियों के बजाए बाहर से आए नेता मीर बने बैठे हैं। आज उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी पूरी तरह से समाजवादी पार्टी का चेहरा बनकर उभर चुकी है।

नेताओं का आरोप है कि राज्यमे कांग्रेस अपनी पहचान के स्थान पर अब समाजवादी परिदृश्य के लिए पहचानी जाने लगी है। समाजवादी पार्टी का दामन छोड़कर कांग्रेस में आई रीता बहुगुणा को सूबे में कांग्रेस की लगाम सौंप दी गई। कांग्रेसियों का प्रश्न है कि क्या सूबे में एक भी कांग्रेस का सदस्य इस पद के लिए योग्य नहीं पाया गया जो सपा से आयतित नेता को बागडोर सौंपनी पड़ी। खालिस कांग्रेसियों का आरोप है कि समाजवादी पार्टी से नेताओं को तोड़कर लाना हो सकता है कि कांग्रेस की रणनति का हिस्सा हो किन्तु इन नेताओं को कांग्रेसियों का सिरमौर बनाना उचित नहीं कहा जा सकता है।

गौरतलब है कि रीता बहुगुणा के अलावा सपा से आए बेनी प्रसाद वर्मा को भी मनमोहन सरकार में मंत्री बना दिया गया है। इतना ही नहीं सिने अभिनेता और सपा के ही राजबब्बर को न केवल सांसद की टिकिट मिली वरन् वे अब कांग्रेस कार्यसमिति का अहम हिस्सा हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय मुख्यालय से छन छन कर बाहर आ रही खबरों पर अगर यकीन किया जाए तो कांग्रेस महासचिव राजा दिग्विजय सिंह द्वारा सोनिया और राहुल के संसदीय क्षेत्र वाले उत्तर प्रदेश की हालत एमपी के मानिंद करने का प्रयास किया जा रहा है। यही कारण है कि समाजवादी पार्टी या अन्य दलों से आयात किए गए नेताओं को पुराने कांग्रेसियों के सर पर बिठा दिया गया है।

कांग्रेस द्वारा उत्तर प्रदेश के लिए बनाई गई स्क्रीनिंग समिति में भी छः में से तीन सदस्य आयतित ही हैं। नेताओं का आरोप है कि जिन कार्यकर्ताओं और नेताओं ने अपना जीवन कांग्रेस के लिए न्योछावर कर दिया है वे सभी इन आयतित नेताओं की अगुआई में काम करने में अपने आप को असहज और अपमानित ही महसूस कर रहे हैं।

कोई टिप्पणी नहीं: