शुक्रवार, 14 अक्तूबर 2011

यूपी में उमा को हकालते भाजपाई


यूपी में उमा को हकालते भाजपाई

राजनाथ भी नहीं हैं उमा से खुश

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। भाजपा की तेज तर्रार नेत्री और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के दिन वाकई खराब चल रहे हैं। पहले तो तिरंगा प्रकरण में उनकी मुख्यमंत्री की कुर्सी गई, फिर उनकी भारतीय जनशक्ति पार्टी भी कोई करिश्मा नहीं कर पाई। जैसे तैसे वे भाजपा में वापस आईं तो ढेर सारी शर्तें उन पर लाद दी गईं। अब उत्तर प्रदेश में ही उनका विरोध पार्टी के अंदर आरंभ हो गया है।

गौरतलब है कि भाजश की असफलता के बाद उमा भारती भाजपा में वापस आने बेताब रहीं। कई बार उनकी वापसी टाली गई। जैसे तैसे वे भाजपा में वापस आईं तो उन पर शर्त लाद दी गई कि वे अपने गृह सूबे मध्य प्रदेश की ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देंगीं। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार तक ही वे अपने आप को सीमित रखेंगे। यूपी की निजाम बनने का सपना भी वे नहीं देखेंगी।

फायर ब्रांड नेत्री उमा भारती ने चंद दिनों में ही उत्तर प्रदेश में धमाल मचा दिया है। उनकी सक्रियता पार्टी के सूबाई नेताओं को खलने लगी है। उमा के तेवरों और उनके आगे पीछे उमड़ने वाली भीड़ ने सूबे के आला भाजपा नेताओं की नींद ही उड़ा दी है। उमा के कदम ताल से लगने लगा है कि वे उत्तर प्रदेश में भाजपा की डूबती नैया को सहारा दे सकती हैं।
इसी बीच उत्तर प्रदेश भाजपाध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने एक बयान देकर ठहरे हुए पानी में लहरें पैदा कर दीं कि अगर भाजपा सत्ता में आई तो उत्तर प्रदेश का ही व्यक्ति मुख्यमंत्री बनेगा। इसके समर्थन में भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने भी बयान दे मारा कि उत्तर प्रदेश का ही व्यक्ति सीएम बनेगा। कुल मिलाकर सारी बयानबाजी उमा भारती के लिए हो रही है। वहीं उमा समर्थक इसी बात को मध्य प्रदेश में भी हवा देने के मूड में दिख रहे हैं कि एमपी मूल का व्यक्ति ही एमपी में सीएम होगा।

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