बुधवार, 12 अक्तूबर 2011

चिदम्बरम के लिए ट्रबल शूटर बनकर उभरे मनमोहन


चिदम्बरम के लिए ट्रबल शूटर बनकर उभरे मनमोहन

टूजी की आग का डर बचाए हुए है चिदम्बरम को

हिन्दु आतंकवाद के कारण भाजपा के निशाने पर हैं चिदम्बरम

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। टूजी मामले में गले तक फंस चुके गृह मंत्री पलनिअप्पम चिदम्बरम ने पांसे कुछ इस तरह से फेंके हैं कि उनकी खाल बचाने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ही न चाहते हुए भी पहल करनी पड़ी। वजीरे आजम को आभास हो चुका है कि अगर चिदम्बरम का त्यागपत्र हुआ तो अगला निशाना वे खुद बन जाएंगे। उधर चिदम्बरम ने भगवा आतंकवाद के नारे को बुलंद कर भाजपा और संघ से बैर मोल लिया हुआ है।

गृहमंत्री चिदम्बरम के नोट प्रकरण के सामने आते ही सियासी भूचाल में तेजी आ गई। न्यूयार्क गए प्रधानमंत्री ने तत्काल ही फोन पर चिदम्बरम से फोन पर बात की। चिदम्बरम के करीबी सूत्रों का कहना है कि चिदम्बरम ने पीएम से त्यागपत्र देने की पेशकश कर दी थी। प्रधानमंत्री भी इसके लिए तैयार हो गए थे। अचानक ही चिदम्बरम ने कहा कि अगर वे गए तो विपक्षियों के निशाने पर उनके यानी मनमोहन के आने से कोई रोक नहीं सकता। इस पर चिंतित मनमोहन ने उन्हें एसा करने से रोक दिया। वैसे भी पार्टी के आला नेता भाजपा के दबाव में चिदम्बरम को हटाने को तैयार नहीं हैं।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के आला सूत्रों का कहना है कि चिदम्बरम ने पार्टी के नेताओं के बीच में यह बात प्लांट कर दी है कि भाजपा को टूजी से कोई ज्यादा सरोकार नहीं है। वह तो चिदम्बरम के पीछे इसलिए पड़ी है क्योंकि उन्होंने भगवा आतंकवाद का खुलासा कर उसे हवा दी थी। उपर से अमेरिका भी चिदम्बरम का हितचिंतक बनकर सामने आया है। कांग्रेस का एक बड़ा वर्ग इस बात से सहमत नहीं है। उसका मानना है कि अब परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर हो चुके हैं अतः मनमोहन की ज्यादा जरूरत नहीं बची है। इस लिहाज से चिदम्बरम और मनमोहन दोनों ही को बाहर का रास्ता दिखा देना चाहिए।

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