रविवार, 18 दिसंबर 2011

सन्यास की ओर अग्रसर धोनी! नई दिल्ली (साई)। फटाफट क्रिकेट की दुनिया में भारत का परचम लहराने वाले कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के अगले वर्ल्ड कप में खेलने की कोई गारंटी नहीं है। वह 2013 में अपने वन-डे भविष्य के बारे में फैसला करेंगे। यह बात खुद धोनी ने एक टीवी चौनल को दिए साक्षात्कार में कहीं। एम.एस.धोनी, ने कहा कि अगले वर्ल्ड कप में अभी साढ़े तीन साल बाकी है। मुझे पता नहीं कि तब टीम में मेरी क्या स्थिति होगी। अगर सब कुछ सही चलता रहा तो वर्ष 2013 के अंत में देखूंगा कि क्या मैं वर्ल्ड कप के लिए उपलब्ध रहूंगा या नहीं।’ 30 वर्षीय धोनी क्रिकेट के तीनों संस्करणों में टीम इंडिया के कप्तान हैं और साथ ही वह विकेटकीपर की भी भूमिका निभा रहे हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वर्ल्ड कप के लिए आपको ऐसा विकेटकीपर चाहिए, जिसने करीब 100 मैच खेले हों। इसलिए हमें इस पहलू को देखना पड़ेगा। धोनी के विकल्प पर ध्यान दें तो गौतम गंभीर, विराट कोहली और सुरेश रैना इस होड़ में सबसे आगे हैं। धोनी की गैरमौजूदगी में में गंभीर न्यूजीलैंड के खिलाफ पांच मैचों की घरेलू सीरीज में कप्तानी कर चुके हैं। उनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड को 5-0 से धोया था। जबकि बतौर कप्तान विंडीज के खिलाफ भी एक मैच जीत चुके हैं। इन छह मैचों में उन्होंने 90 के औसत से दो शतकों की बदौलत कुल 360 रन बनाए हैं जबकि नाबाद 138 रन उनका सर्वाेच्च स्कोर है। वहीं कोहली अंडर-19 वर्ल्ड कप के विजेता कप्तान हैं जबकि रैना नौ मैचों में भारत की कप्तानी कर चुके हैं, जिसमें उन्हें सिर्फ चार मैचों में जीत मिली। बतौर कप्तान मई-जून 2010 में जिंबाब्वे और श्रीलंका के साथ खेले गए त्रिकोणीय सीरीज के चार मैचों में सिर्फ एक जीते। वहीं जून 2011 में कैरिबियाई दौरे पर वेस्ट इंडीज के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज 3-2 से जीती। इस दौरान यूपी के इस बल्लेबाज ने 23.57 की औसत से महज 165 रन ही बनाए हैं जबकि उनका सर्वाेच्च स्कोर 43 रन है। बतौर विकेटकीपर धोनी के विकल्प पार्थिव पटेल, रिद्धिमान साहा, रोबिन उथप्पा और दिनेश कार्तिक हैं लेकिन सबसे अहम यह है कि धोनी के टीम इंडिया के आने के बाद से इनमें से कोई भी भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की नहीं कर पाया है। लिहाजा, बोर्ड और चयनकर्ताओं के लिए विकेटकीपर खोजना बेहद मुश्किल काम होगा। हाल के वर्षों में भारत का व्यस्त कार्यक्रम रहा है और आईपीएल में टीम इंडिया के खिलाड़ियों की व्यस्तता और बढ़ा दी है। यही वजह है कि अब धोनी अपनी प्राथमिकता तय कर रहे हैं और अहम दौरों से पहले आराम ले रहे हैं। आस्ट्रेलिया दौरे से पहले उन्होंने वेस्ट इंडीज के खिलाफ वन-डे सीरीज से आराम लिया था। उनकी कप्तानी में भारत ने वर्ष 2007 में ट्वंटी-20 वर्ल्ड कप और इस वर्ष की शुरुआत में वन-डे वर्ल्ड कप जीता था। साथ ही टीम पहली बार टेस्ट रैंकिंग में नंबर वन पर भी पहुंची। उन्होंने आईपीएल में अपनी टीम चेन्नई सुपरकिंग्स को दो बार चौंपियन बनाया जबकि वर्ष 2010 में उनकी टीम ने चौंपियंस लीग का खिताब भी अपनी झोली में डाला।


सन्यास की ओर अग्रसर धोनी!

नई दिल्ली (साई)। फटाफट क्रिकेट की दुनिया में भारत का परचम लहराने वाले कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के अगले वर्ल्ड कप में खेलने की कोई गारंटी नहीं है। वह 2013 में अपने वन-डे भविष्य के बारे में फैसला करेंगे। यह बात खुद धोनी ने एक टीवी चौनल को दिए साक्षात्कार में कहीं।

एम.एस.धोनी, ने कहा कि अगले वर्ल्ड कप में अभी साढ़े तीन साल बाकी है। मुझे पता नहीं कि तब टीम में मेरी क्या स्थिति होगी। अगर सब कुछ सही चलता रहा तो वर्ष 2013 के अंत में देखूंगा कि क्या मैं वर्ल्ड कप के लिए उपलब्ध रहूंगा या नहीं।’ 30 वर्षीय धोनी क्रिकेट के तीनों संस्करणों में टीम इंडिया के कप्तान हैं और साथ ही वह विकेटकीपर की भी भूमिका निभा रहे हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वर्ल्ड कप के लिए आपको ऐसा विकेटकीपर चाहिए, जिसने करीब 100 मैच खेले हों। इसलिए हमें इस पहलू को देखना पड़ेगा।

धोनी के विकल्प पर ध्यान दें तो गौतम गंभीर, विराट कोहली और सुरेश रैना इस होड़ में सबसे आगे हैं। धोनी की गैरमौजूदगी में में गंभीर न्यूजीलैंड के खिलाफ पांच मैचों की घरेलू सीरीज में कप्तानी कर चुके हैं। उनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड को 5-0 से धोया था। जबकि बतौर कप्तान विंडीज के खिलाफ भी एक मैच जीत चुके हैं। इन छह मैचों में उन्होंने 90 के औसत से दो शतकों की बदौलत कुल 360 रन बनाए हैं जबकि नाबाद 138 रन उनका सर्वाेच्च स्कोर है।

वहीं कोहली अंडर-19 वर्ल्ड कप के विजेता कप्तान हैं जबकि रैना नौ मैचों में भारत की कप्तानी कर चुके हैं, जिसमें उन्हें सिर्फ चार मैचों में जीत मिली। बतौर कप्तान मई-जून 2010 में जिंबाब्वे और श्रीलंका के साथ खेले गए त्रिकोणीय सीरीज के चार मैचों में सिर्फ एक जीते। वहीं जून 2011 में कैरिबियाई दौरे पर वेस्ट इंडीज के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज 3-2 से जीती। इस दौरान यूपी के इस बल्लेबाज ने 23.57 की औसत से महज 165 रन ही बनाए हैं जबकि उनका सर्वाेच्च स्कोर 43 रन है।

बतौर विकेटकीपर धोनी के विकल्प पार्थिव पटेल, रिद्धिमान साहा, रोबिन उथप्पा और दिनेश कार्तिक हैं लेकिन सबसे अहम यह है कि धोनी के टीम इंडिया के आने के बाद से इनमें से कोई भी भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की नहीं कर पाया है। लिहाजा, बोर्ड और चयनकर्ताओं के लिए विकेटकीपर खोजना बेहद मुश्किल काम होगा।

हाल के वर्षों में भारत का व्यस्त कार्यक्रम रहा है और आईपीएल में टीम इंडिया के खिलाड़ियों की व्यस्तता और बढ़ा दी है। यही वजह है कि अब धोनी अपनी प्राथमिकता तय कर रहे हैं और अहम दौरों से पहले आराम ले रहे हैं। आस्ट्रेलिया दौरे से पहले उन्होंने वेस्ट इंडीज के खिलाफ वन-डे सीरीज से आराम लिया था। उनकी कप्तानी में भारत ने वर्ष 2007 में ट्वंटी-20 वर्ल्ड कप और इस वर्ष की शुरुआत में वन-डे वर्ल्ड कप जीता था।

साथ ही टीम पहली बार टेस्ट रैंकिंग में नंबर वन पर भी पहुंची। उन्होंने आईपीएल में अपनी टीम चेन्नई सुपरकिंग्स को दो बार चौंपियन बनाया जबकि वर्ष 2010 में उनकी टीम ने चौंपियंस लीग का खिताब भी अपनी झोली में डाला।

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