सोमवार, 5 दिसंबर 2011

सिवनी में धूल का स्तर खतरनाक स्थिति में


सिवनी में धूल का स्तर खतरनाक स्थिति में

नेत्र रोग से अनजान हैं जनसेवक!


(शिवेश नामदेव)

सिवनी। भगवान शिव की नगरी सिवनी में जर्जर सड़कें न केवल दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रही हैं, वरन् चहुंओर उड़ती धूल गंभीर नेत्र विकारों को भी जन्म दे रही है। ठंड के दिनों में अस्थमा के मरीजों के लिए यह धूल जानलेवा साबित हो सकती है। वर्चस्व, अहम, भ्रष्टाचार, बंदरबांट की भेंट चढ़ चुकी सिवनी की सड़कों से उड़ती धूल गंभीर नेत्र विकारों के लिए उपजाऊ माहौल तैयार कर ही है। गौरतलब है कि जिला चिकित्सालय में नेत्र विभाग में सदा ही सन्नाटा पसरा रहता है।

शहर के मुख्य मार्ग ज्यारत नाके से नागपुर नाके तक के रखरखाव न हो पाने से यहां चौबीसों घंटे जबर्दस्त धूल उड़ती रहती है। इसके अलावा शहर का राजपथ कहलाने वाला कलेक्टर बंग्ले से एसपी बंग्ले तक का मार्ग अपनी दुर्दशा पर बुरी तरह कराह रहा है। इन दोनों ही सड़कों पर शहर का आधिकांश यातायात का दबाव रहता है।

इन दोनों ही मार्ग के सौ मीटर के दायरे में ही सिवनी विधायक श्रीमति नीता पटेरिया, बरघाट विधायक कमल मस्कोले, लखनादौन विधायक श्रीमति शशि ठाकुर, केवलारी विधायक हरवंश सिंह ठाकुर, पूर्व विधायक डॉ.ढाल सिंह बिसेन, नरेश दिवाकर, टक्कन सिंह मरकाम, पूर्व विधानसभा प्रत्याशी आशुतोष वर्मा, राज कुमार खुराना, प्रसन्न चंद मालू, का निवास है। इतना ही नहीं जिला पंचायत अध्यक्ष मोहन सिंह चंदेल, सहकारी बैंक अध्यक्ष अशोक तेकाम भी इसी मार्ग के सिरों पर निवास करते हैं।

कलेक्टर बंग्ले से एसपी बंग्ले तक के मार्ग का निर्माण जब कराया जा रहा था तभी लोगों का कहना था कि यह मार्ग पहली बरसात नहीं झेल पाएगा। वस्तुतः हुआ भी वही, तीन साल से अधिक समय बीत गया है तबसे इस मार्ग की सुध किसी ने भी नहीं ली है। हाल ही में महाकौशल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष नरेश दिवाकर ने इसके लिए तीस लाख रूपए की राशि की घोषणा की है।

श्री दिवाकर द्वारा राशि की घोषणा और स्वीकृति से साफ जाहिर है कि इस मार्ग के निर्माण में कहीं न्यायालीयन बाधा नहीं है। यक्ष प्रश्न यही खड़ा हुआ है कि जब कोई बाधा इसमें नहीं है तब फिर क्या कारण है कि विधायकों सहित आला अधिकारियों के रोजाना आवागमन का जरिया बने इस मार्ग के सुधार की दिशा में किसी ने प्रयास क्यों नहीं किया? क्या इसके लिए दोषी ठेकेदारों के खिलाफ कोई कार्यवाही का साहस भाजपा विधायक उठा पाएंगे? जाहिर है इसका उत्तर नकारात्मक ही आएगा, विधायक इन ठेकेदारों के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं कर रहे हैं, जनता इस बात को बखूबी जान रही है।

बहरहाल, शहर में धूल का स्तर खतरनाक की सीमा को पार कर चुका है। सड़कों में उड़ती धूल से लोगों के फेंफड़े छलनी हुए बिना नहीं हैं। लगातार धूल में आने जाने या इन मार्गों के दुकानदारों के चौबीसों घंटे धूल के संपर्क में रहने से उनकी आंखों में अजीब सा संक्रमण देखने को मिले तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए। जानकारों का कहना है कि लगातार धूल के संपर्क में रहने से आंखों की नमी सूखने लगती है, और अजीब सी जलन पैदा होने लगती है।

चिकित्सकों के अनुसार लगातार धूल के संपर्क में रहने से आंखों में सूखापन, पलकों के इर्द गिर्द खुजली, आखों का लाल होन, सुबह सोकर उठते समय आंखों का गड़ना, आंखों में कंकड़ जैसा लगना, आंख में पानी आना जैसे लक्षण पाए जाने पर तत्काल ही नेत्र चिकित्सक की सलाह ली जानी चाहिए। वैसे भी सर्दी के मौसम में अस्थमा और नेत्र विकार से ज्यादा सावधानी बरतने की हिदायत दी जाती है। सिवनी में नेत्र विभाग के हालात देखकर मरीजों को निजी चिकत्सकों के पास जाकर जेब ढीली करने पर मजबूर होना पड़ रहा है।

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