बुधवार, 7 दिसंबर 2011

तीन मुख्यमंत्रियों ने खोला मन के खिलाफ मोर्चा


बजट तक शायद चलें मनमोहन . . . 47

तीन मुख्यमंत्रियों ने खोला मन के खिलाफ मोर्चा

अनावश्यक दखलंदाजी से हैं निजाम नाखुश


(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री कार्यालय में पुलक चटर्जी की आमद के बाद अब पीएमओ की दखलंदाजी कांग्रेस शासित राज्यों में बढ़ने से तीन राज्यों के मुख्यमंत्री खासे नाराज बताए जा रहे हैं। हाल ही में नेशनल फुड सिक्योरिटी बिल के मसले में पीएमओ की अनावश्यक दखलंदाजी से राजस्थान, दिल्ली और महाराष्ट्र के निजामों ने प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने का मन बना लिया है।

पीएमओ के सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के रणनीतिकारों के मशविरे पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अपने सबसे विश्वस्त पुलक चटर्जी को पीएमओ में लेकर गईं हैं। अब चटर्जी ही मनमोहन से मुक्ति और राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने का रोड़ मेप तैयार कर रहे हैं। पुलक के इशारों पर ही खाद्य सुरक्षा अधिनियम में कांग्रेस शासित राज्यों में ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है।

सूत्रों का कहना है कि पृथ्वीराज चव्हाण, शीला दीक्षित और अशोक गहलोत इस बात से खासे नाराज हैं कि प्रधानमंत्री कार्यालय जबर्दस्ती उनके अधिकार क्षेत्र में दखल दे रहा है। पिछले दिनों खाद्य मंत्री के.व्ही.थामस के साथ हुई इन मुख्यमंत्रियों की मुलाकात में इन्होंने अपनी आपत्ति पुरजोर तरीके से दर्ज की है।

खाद्य मंत्री के करीबी सूत्रों का कहना है कि तीनों मुख्यमंत्रियों ने थामस से कहा है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पीएमओ अनावश्यक दखलंदाजी बंद करे। इस प्रणाली में गैर सरकारी संगठनों को भला कैसे शामिल किया जा सकता है। इससे 75 फीसदी ग्रामीण तो 25 फीसदी शहरी आबादी लाभान्वित हो रही है। इस विधेयक को एपरूवल के लिए कैबनेट को जल्द ही भेजा जा सकता है। साथ ही संसद के मौजूदा सत्र में भी इसे पेश किया जा सकता है।

(क्रमशः जारी)

कोई टिप्पणी नहीं: