सोमवार, 23 जनवरी 2012

अण्णा ने दिया भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने का मौका: अक्षय


अण्णा ने दिया भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने का मौका: अक्षय



(नेहा घई पण्डित)

मुंबई (साई)। फिल्में समाज का आइना होती हैं.. यानी सामाजिक गतिविधियों की छाप हमारी फिल्मों में भी दिखती है। बिते कई महीनों से देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ बडे स्तर पर आंदोलन का दौर जारी है सारा देश भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लडाई लड रहा है और इसी की एक झलक आने वाली फिल्म गली-गली में चोर है में देखने मिलेगी। फिल्म के नायक अक्षय खन्ना से नेहा घई पंडित की विशेष बातचीत:
0 इस फिल्म में आप भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा रहे हैं क्या यह अन्ना जी के आंदोलन से प्रेरित है ?
- फिल्म भ्रष्टाचार के मुद्दे को उठाती है लेकिन यह एक कॉमेडी है। फिल्म भले ही एक सिरियस टॉपिक को छुती है लेकिन इसे पेश करने का अंदाज कॉमेडी है। दरअसल लोग फिल्म को एंटरटेनमेंट के लिए देखने आते हैं तो अगर हसी-मजाक में कोई मैसेज भी दिया जाए तो अच्छा है। अन्ना हजारे जी ने देश भर में लोगो को भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने का हौसला दिया। उनके आंदोलन को मैं एक मिसाल मानता हूं। हां यह सच है कि अब फिल्म को शायद अच्छा रिस्पॉन्स मिले क्योंकि यह विषय हर व्यक्ति को छूता है।
0 फिल्म की कहानी और अपने किरदार के बारे में कुछ बताएं..
- फिल्म की कहानी एक बैंक कर्मचारी पर है जिसे मैं निभा रहा हूं.. बैंक में काम करने से ज्यादा उसे अपनी गली के नुक्कड नाटक कंपनी में चल रही रामलीला में हनुमान का किरगार निभाने में मजा आता है। एक नेता का बेटा जो उससे कम टेलेंटिट है राम का किरदार करता है, य़ह बात मेरे किरदार के बहुत परेशान करती है। ऐसी ही छोटी-छोटी बातों के लेकर बात पुलिस तक पंहुच जाती है। किस तरह हर एक स्तर पर उसे भ्रष्टाचार के निपटना पड़ता है वही है फिल्म की कहानी।
0 फिल्म में आप रामलीला में हनुमान का किरदार करते नजर आएंगे..लेकिन हमने सुना है कि आपने इससे पहले कभी रामलीला नहीं देखी थी..
- जी हां यह सच है कि मैंने कभी रामलीला नहीं देखी थी और मैंने .यह बात फिल्म के निर्देशक रूमी को भी बताई..तब उन्होने भोपाल के एक रामलीला करने वाले ग्रुप को मेरे सामने रामलीला मंचन करने को कहा..इससे मुझे बहुत फायदा हुआ।
0 असल जिंदगी में आप भी भ्रष्टाचार को एक बड़ा मुद्दा मानते हैं.. क्या आप इस मुद्दे को और मजबूती से उठाने के लिए राजनीति में आने की नहीं सोच रहे ?
- नहीं बिलकुल नहीं..मैं राजनीति से दूर ही ठीक हूं..दरअसल मेरा मानना यह है कि आम आदमी में ही सबसे ज्यादा ताकत है। राजनेता तभी बनता है जब जनता उसका साथ दे..आम आदमी को बहुत ही सोच समझकर अपने नुमाइंदे चुनने चाहिए। भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए जरूरी नहीं की आप राजनीति में आएं..अपनी जगह इमानदारी से अपना काम करते हुए भी आप भ्रष्टाचार के खिलाफ बहुत बड़ा योगदान दे सकते हैं।
0 सुना है आपको पायरसी को लेकर काफी गुस्सा आता है ?
- देखिए पायरेसी के लिए मैं कई कारणों को मानता हूं। देश में सिनेमा का प्रॉपर इंनफ्रास्ट्रक्चर नहीं होना भी पायरसी के बढने का कारण है। एक दशक पहले की बात ही लिजिए जब देश में सिनेमा हॉल काफी कम थे। छोटे शहर के लोग तो महीनों इंतजार करते रहते थे। इसी कारण नकली डीवीडी का व्यापार फला-फूला। लेकिन अब ऐसा नहीं है, इसिलिए मैं अपने स्तर पर हमेशां लोगों से अपील करता हूं कि हॉल में जाकर फिल्म का लुत्फ लें और पायरेसी से लड़ने में फिल्म इंड़स्ट्री की मदद करें।
0 अक्षय इतनी मारा मारी के बाद क्या फिल्म में आपको राम का किरदार मिलता है या नहीं ?
- वह तो आपको फिल्म देखकर ही पता करना होगा। मगर फिल्म के एक डॉयलॉग के जरिए आपको हिन्ट देता हूं.. इस देश में कोई राम नहीं बन सकता, देश का उद्धार अब सिर्फ हनुमान बनकर राम को दिल में बसाने से ही होगा।
(नेहा घई पंडित पेशे से पत्रकार, कापी व वेब कंटेंट एडीटर हैं)

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