शनिवार, 18 फ़रवरी 2012

शिवसेना का मुंबई पर कब्जा बरकरार


शिवसेना का मुंबई पर कब्जा बरकरार

गढ़ में गडकरी ने दिखाई ताकत

(अतुल खरे)

मुंबई (साई)। शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी गठबंधन का बृहन मुंबई नगर निगम में लगातार चौथी बार कब्जा निश्चित लग रहा है। बृहन मुंबई नगर निगम के २२७ वार्डों में से शिवसेना ने ७५, भारतीय जनता पार्टी ने ३२, कांग्रेस ने ५० और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने १४ सीटों पर जीत हासिल की है।
राज ठाकरे के नेतृत्व में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने २८ वार्डों में, जबकि निर्दलीय और अन्य ने भी २८ वार्डों में जीत दर्ज की है।  बहुमत के लिए शिवसेना-भाजपा-आर पी आई गठबंधन के पास कुछ सीटें कम हैं। गठबंधन को भरोसा है कि उसे कुछ निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन मिलेगा।
नागपुर नगर निगम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। कुल १४५ सीटों में से भाजपा को ६२ सीटें मिली हैं, जबकि कांग्रेस ने ४१ सीटों पर जीत दर्ज की है। बहुजन समाज पार्टी को १२ सीटें मिली हैं, जबकि शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने छह-छह सीटें जीती हैं। दस सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों के हिस्से में आई हैं। अमरावती और अकोला नगर निगमों में खण्डित जनादेश सामने आया है। यहां किसी भी राजनीतिक दल को बहुमत नहीं मिला है।
विदर्भ क्षेत्र में जिला परिषद् और पंचायत समिति के चुनावों में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने चंद्रपुर, गड़चिरौली, अमरावती, वर्धा और यवतमाल जिलों में अपने परम्परागत प्रतिद्वंद्वियों भाजपा और शिवसेना पर अपना प्रभुत्व बरकरार रखा है। नागपुर जिला परिषद् में भाजपा ने कांग्रेस को पीछे छोड़ा है जबकि अकोला में दोनों ही पार्टियों की स्थिति एक जैसी है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी के लिए ये नतीजे चौंकाने वाले हैं।

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