शनिवार, 18 फ़रवरी 2012

सियासी गलियरे की पसंद नहीं बन पाए पचौरी


बजट तक शायद चलें मनमोहन. . . 90

सियासी गलियरे की पसंद नहीं बन पाए पचौरी

पीएम के नए मीडिया सलाहकार की तलाश तेज



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। तीक्ष्ण बुद्धि के धनी वज़ीरे आज़म के मीडिया सलाहकार हरीश खरे को भले ही पीएमओ से विदा कर उनके स्थान पर पंकज पचौरी को बिठा दिया गया हो, पर पीएमओ के सबसे ताकतवर अधिकारी पुलक चटर्जी को अभी भी मनमोहन सिंह के लिए उचित मीडिया सलाहकार की तालश है। दरअसल, यह तलाश मनमोहन सिंह के लिए नहीं वरन्, संभावित प्रधानमंत्री राहुल गांधी के लिए जारी है।
भगवान किसन की नगरी मथुरा मूल के पंकज पचौरी की लाटरी कैसे लगी इस बारे में अभी शोध थमा नहीं है। लोग पचौरी की पीएमओ में आमद को लेकर तरह तरह की शंकाएं कुशंकाएं अनुमान लगा रहे हैं। कहा जा रहा है कि पंकज पचौरी को न तो पुलक चटर्जी को यस बॉसकहने में और ना ही भाषाई पत्रकारों से मेल जोल में कोई एतराज था इसलिए फिलहाल उन्हें पीएमओ में एक कमरा दे दिया गया है।
पचौरी की इन विशेषताओं के अलावा एक और विशेषता भी सियासी गलियारों में चर्चित है। पचौरी की पत्नि मराठी मूल की हैं। इसलिए मराठी पत्रकार लाबी भी उनसे प्रसन्न ही रहेगी। हिन्दी के छोटे बड़े पत्रकारों से पंकज की अच्छी बनती है इसलिए उन्हें हिन्दी भाषी पत्रकारों का सहयोग भी मिल सकता है। पीएमओ में चल रही चर्चाओं पर अगर यकीन किया जाए तो पुलक चटर्जी की अंतिम पसंद के बतौर पंकज पचौरी नहीं हैं, चटर्जी को सटीक मीडिया सलाहकार की आवश्यक्ता है जिसकी खोज वे कर रहे हैं।
पीएमओ की इस तरह की चर्चाएं प्रधानमंत्री के कार्यालय से बाहर भी आ चुकी हैं। संभवतः यही कारण है कि पीएम के नए मीडिया सलाहकार पंकज पचौरी सियासी गलियारे में अपने पैर नहीं जमा पाए हैं। पीएमओ के भरोसेमंद सूत्रों का दावा है कि पंकज पचौरी ने वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी और भाजपा के वयोवृद्ध नेता एल.के.आड़वाणी से औपचारिक मुलाकात के लिए वक्त मांगा। दोनों ही घाघ नेताओं ने फिजां की ठण्डक को पहचानते हुए पचौरी को समय ही नहीं दिया।
खबर है कि अब पचौरी ने नया दांव खेलना आरंभ किया है। पत्रकारों को बरास्ता राज्य सभा आगे बढ़ाने के लिए पचौरी ने नए शिगूफे छोड़े हैं। कहा जा रहा है कि कांग्रेस के एजेंडे को जनता के सामने पकाकर परोसने वाले पत्रकारों को पचौरी की यह चाल बहुत रास आ रही है।
चर्चा है कि राज्यसभा से रास्ते संसदीय सौंध तक पहुंचने की मंशा जिनके दिल में कुलांचे मार रहीं हैं उनमें विनोद मेहता, आलेक मेहता, विनोद शर्मा, मृणाल पाण्डे, बरखा दत्त, राजदीप सरदेसाई के साथ ही साथ मध्य प्रदेश से प्रकाशित एक दैनिक के मालिक जैसी हस्तियां शामिल हैं। इनमें से कुछ ने 10 जनपथ के अति करीब सुमन दुबे की परिक्रमा भी आरंभ कर दी है।

(क्रमशः जारी)

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