शनिवार, 11 फ़रवरी 2012

ग्रामीण विकास होगा अब कैग के दायरे में


ग्रामीण विकास होगा अब कैग के दायरे में

(अमेय)

पाड्डिचेरी (साई)। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने कहा है कि केन्द्र ने अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सभी ग्रामीण विकास योजनाओं को नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की लेखा परीक्षा के दायरे में लाने का फैसला किया है। पुद्दुचेरी में कल शाम सामाजिक क्षेत्र के मुद्दों पर अखिल भारतीय सम्पादक सम्मेलन का उदघाटन करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ग्रामीण विकास कार्यक्रमों के लिए निर्धारित धनराशि में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों और हेराफेरी से चिंतित हैं।
ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि उनके मंत्रालय ने कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर नियमित फीडबैक सुनिश्चित करने के कदम उठाए हैं। श्री रमेश ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता और पेयजल सुविधाओं में सुधार किए जाने की जरूरत है।
उन्होनें कहा कि उनके हिसाब से ग्रामीण जलापूर्ति और स्वच्छता एक ऐसा क्षेत्र है जिसे ग्रामीण विकास के संदर्भ में सबसे अधिक अनदेखा किया गया है। एक देश के रूप में सरकार ने इस क्षेत्र में पर्याप्त निवेश नहीं किया है। इसका तात्पर्य यह हुआ कि जब तक सरकार ग्रामीण जलापूर्ति और स्वच्छता को राष्ट्रीय एजेंडा बनाने का फैसला नहीं करते, तब तक देश ग्रामीण विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति नहीं कर सकते।
 देश के विभिन्न भागों में माओवादी हिंसा के बारे में श्री रमेश ने कहा कि केन्द्र इस समस्या से निपटने के लिए आम लोगों पर केन्द्रित बहुस्तरीय रणनीति बना रहा है।  श्री रमेश ने बताया कि ग्रामीण विकास योजनाओं को लागू करने में राज्यों को २०१७ तक और अधिकार दे दिये जायेंगे। इसके तहत वे ५० प्रतिशत राशि खुद तय की गई परियोजनाओं पर खर्च कर सकेंगे।

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