गुरुवार, 2 फ़रवरी 2012

अनिश्चितता के बादल में घिरे दिनेश त्रिवेदी


बजट तक शायद चलें मनमोहन. . . 78

अनिश्चितता के बादल में घिरे दिनेश त्रिवेदी

लाख टके का सवाल - कौन करेगा रेल बजट पेश



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और त्रणमूल कांग्रेस के बीच खुदी खाई के सतत बढ़ते रहने से अब देश के रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी की पेशानी पर पसीने की बूंदे छलक उठी हैं। दिनेश त्रिवेदी को भय सता रहा है कि कहीं उनके प्रथम रेल बजट पेश करने से पहले ही उनकी आसनी (कुर्सी) ही न छीन ली जाए। त्रिवेदी की मुश्किल यह भी है कि उनकी पार्टी की सुप्रीमो ममता बनर्जी रेल किराया बढ़ाने के सख्त खिलाफ हैं तो दूसरी ओर अगर किराया नहीं बढ़ाया गया तो भारतीय रेल के हाथों में कटोरा होगा और वह भी इंडियन एयरलाईंस के मानिंद दरवाजे दरवाजे भीख मांगती नजर आएगी।
त्रणमूल और कांग्रेस के बीच बढ़ती दरार का सबसे ज्यादा प्रभाव रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी पर पड़ता दिखाई दे रहा है। त्रिवेदी के करीबी सूत्रों का कहना है कि वे अपनी मित्र मण्डली के बीच अपना डर साझा कर रहे हैं कि कहीं एसा न हो उनके जीवन के प्रथम रेल बजट पेश करने के पहले ही उन्हें मंत्रीमण्डल से चलता कर दिया जाए। कहा जा रहा है कि त्रणमूल और कांग्रेस के बीच मतभेदों के साथ ही साथ त्रिवेदी के अपनी पार्टी सुप्रीमो ममता के साथ भी संबंध बहुत अच्छे नहीं हैं।
ममता और कांग्रेस के बीच जैसे जैसे बयानबाजी तेज हो रही है उससे संभावना जताई जा रही है कि हो सकता है जल्द ही ममता बनर्जी द्वारा त्रणमूल कोटे के मंत्रियों को सरकार से वापस बुला सकती हैं। सूत्रों के अनुसार त्रिवेदी इन दिनों काफी टेंशन में हैं। रेल मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इसी उहापोह के चलते रेल बजट की फाईलें भी त्रिवेदी के अनुमोदन के लिए लटकी पड़ीं हैं।
उधर, ममता बनर्जी के करीबी सूत्रों ने कहा है कि उपर वाले के करम से अगर दिनेश त्रिवेदी कुछ हफ्ते अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब भी हो जाते हैं तो भी उनके लिए परेशानियां कम नहीं होने वाली हैं। सूत्रों की मानें तो ममता बनर्जी इस बात के लिए कतई तैयार नहीं हैं कि रेल का यात्री किराया बढ़ाया जाए। परेशानी का सबब यह है कि दिनेश त्रिवेदी को बताया गया है कि अगर रेल यात्री किराया नहीं बढ़ाया गया तो निश्चित तौर पर रेल बदहाली और कंगाली की पटरी पर दौड़ने लगेगी।
पीएमओ के सूत्रों का कहना है कि इस बार वाम दलों से लेकर सभी ने यहां तक कि विशेषज्ञों ने भी रेल्वे का यात्री किराया और माल भाड़ा बढ़ाने और युक्तिसंगत करने की सिफारिश की है। लेकिन, ममता की धमकियों के आगे सब बेबस ही नजर आ रहे हैं। दिनेश त्रिवेदी के लिए आने वाले कुछ सप्ताह इधर कुंआ उधर खाई के मार्ग समान ही नजर आ रहे हैं।

(क्रमशः जारी)

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