शनिवार, 23 जून 2012

कहीं बारिश तो कहीं गर्मी


कहीं बारिश तो कहीं गर्मी

(एशवर्या दुबे)

नई दिल्ली (साई)। जून माह के आखिरी सप्ताह में देश भर में मिला जुला मौसम बना हुआ है। कहीं गर्मी की मार है तो कहीं फुहार का आनंद तो कहीं बाढ़ ने जीना मुहाल कर रखा है। मौसम विभाग के सूत्रों का कहना है कि मानसून इस वर्ष सामान्य रहेगा। जुलाई-अगस्त में देश के अधिकतर भागों में अच्छी वर्षा होने की उम्मीद है।
मौसम विभाग की कल जारी विज्ञप्ति के अनुसार इस बार देश में औसतन ९६ प्रतिशत वर्षा होने का अनुमान है। पहले ९९ प्रतिशत वर्षा होने का अनुमान व्यक्त किया था। जुलाई में ९८ प्रतिशत औेर अगस्त में ९६ प्रतिशत वर्षा होने की आशा व्यक्त की गयी है। पंजाब, हरियाणा और उत्तर पश्चिम के कुछ अन्य इलाको में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है। जून से सितंबर तक दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य रहेगा।
वहीं, देश के उत्तरी भागों में गर्मी का प्रकोप जारी है। राजस्थान में तेज लू चल रही है। हमारे संवाददाता ने बताया कि लोग मॉनसून में देरी से चिंतित हैं। समाचार एजेंसी ऑॅफ इंडिया के राजस्थान ब्यूरो शैलेन्द्र ने बताया कि मौसम विभाग के अनुसार राजस्थान में मॉनसून के प्रवेश में अभी भी समय है और यह इस महीने के अंत तक ही राज्य की सीमा तक पहुंच पायेगा।
इस बीच, प्रदेश में तेज गर्मी का असर बना हुआ है। कल चुरू राज्य में सबसे गर्म स्थान रहा जहां अधिकतम तापमान ४५ दशमलव तीन डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। श्री गंगा नगर में भी कल अधिकतम तापमान ४४ डिग्री सेल्सियस रहा। राज्य के ज्यादातर स्थानों पर पिछले एक सप्ताह से अधिकतम तापमान ४० से ४५ डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया जा रहा है। कई इलाकों में उमस के कारण गर्मी का असर और बढ़ गया है। जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
उधर, पंजाब और हरियाणा में तेज गर्म हवाएं चल रही हैं। राजधानी दिल्ली में कल अधिकतम तापमान ४३ डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। नमी का स्तर २६ से ४६ प्रतिशत के बीच रहा।
वहीं, ऊंचे पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फ कम पिघलने से बांधों में गिरते जलस्तर  के मद्देनजर पंजाब सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे सिंचाई के लिए पानी के इस्तेमाल में किफायत करें। समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के जालंधर संवाददाता ने खबर दी है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष धान की रोपाई कम हो रही है।
साई के पंजाब ब्यूरो का कहना है कि वर्षा न होने के कारण इस बार पंजाब में अभी तक तकरीबन ३५ प्रतिशत धान की रोपाई ही हुई है, जबकि पिछले वर्ष इसी समय के दौरान पचास से साठ प्रतिशत रोपाई हो चुकी थी। अगर मौसम विभाग की माने तो किसानों की तकलीफें कुछ और बढ़ सकतीं हैं, क्योंकि पंजाब में मॉनसून इस बार इस महीने के अंत तक आने की उम्मीद है। जबकि बीते वर्ष यह २४ जून को राज्य में प्रवेश कर गई थी। परंतु खेतीबारी विशेषज्ञों का मानना है कि जैसे ही मॉनसून की बौछारें शुरू होंगी। धान की रोपाई में तेजी आएगी।

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