शनिवार, 23 जून 2012

शिखर सम्मेलन संपन्न


शिखर सम्मेलन संपन्न

(टी.विश्वनाथन)

रियो डी जिनेरियो (साई)। रियो प्लस ट्वेंटी संयुक्त राष्ट्र पृथ्वी शिखर सम्मेलन पर्यावरण और विकास की समस्याओं से निपटने के तरीकों की घोषणा को  मंजूरी देने के साथ सम्पन्न हो गया। ५३ पृष्ठों के घोषणापत्र में गरीबी उन्मूलन को मुख्य उद्देश्य बताते हुए मानव जाति को गरीबी और भूख से तत्काल मुक्ति दिलाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई है। १९३ सदस्य देशों के समर्थन से पारित इस घोषणा में कहा गया है कि दुनिया के सामने गरीबी उन्मूलन, खपत और उत्पादन के टिकाऊ रूझानों को बढ़ावा देना और आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए बुनियादी प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और प्रबंधन , टिकाऊ विकास की जरूरतों को पूरा करने के लिये आवश्यक उद्देश्य हैं।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने ‘‘भूखमुक्त दुनिया की चुनौती‘‘ अभियान की शुरुआत करते हुए सभी देशों से  ऐसे भविष्य के लिए काम करने का आह्घ्वान किया जहां प्रत्येक व्यक्ति को पौष्टिक भोजन मिले और सभी खाद्य प्रणालियां सबकी जरूरतें पूरी करने में सर्माि हों। श्री मून ने कहा कि दुनिया को भूख मुक्त करने से आर्थिक वृद्धि में तेजी आएगी, गरीबी कम होगी, पर्यावरण संरक्षित रहेगा और शांति और स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा।
घोषणापत्र में दुनियाभर के नेताओं ने टिकाऊ विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और धरती तथा और भावी पीतिढ़यों के लिए आर्थिक, सामाजिक तथा पर्यावरण की दृष्टि से स्थाई भविष्य की रचना के लिए मिल कर काम करने का संकल्प लिया ।
घोषणापत्र में २०१५ तक सहस्राब्दि विकास लक्ष्यों सहित अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के काम में तेजी लाने के सभी प्रयास करने का भी वायदा किया गया है। घोषणापत्र में यह बात दोहराई गई कि टिकाऊ विकास और गरीबी उन्मूलन के संदर्भ में पर्यावरण अनुकूल आर्थिक नीतियां अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप होनी चाहिए जिनमें प्राकृतिक संसाधनों पर सभी देशों की संप्रभुता का सम्मान होना चाहिये। साथ ही विकासशील देशों और विशेष परिस्थितियों वाले देशों की जरूरतों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह रियो शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद स्वदेश लौटते हुए प्रिटोरिया पहुंच गए हैं।

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