शनिवार, 18 अगस्त 2012

अलविदा, अलविदा माह-ए-रमजान


अलविदा, अलविदा माह-ए-रमजान

(फिरोज खान)

नई दिल्ली (साई)। ‘‘हर अदा तेरी इबादत का नहीं हमसे हुआ/हम रहें गफलत में, हमसे हो रहा तू
जुदा/आज रो-रो के कहते हैं हम अलविदा-अलविदा।। माह-ए-रमजान’’। माह-ए-रमजान मुबारक का आखिरी जुमा यानी जुमअतुल विदा की नमाज शुक्रवार को शहर के विभिन्न मसजिदों में अदा की गयी। नमाजियों की भीड़ से राजधानी की तमाम मसजिदें भरी पड़ी थीं। घरों में भी काफी चहल-पहल रही।
इसे आप ईद से पहले की छोटी ईदका एहतिमाम भी कह सकते हैं। अलविदा जुमे की नमाज अदा करने के लिए 12 बजे से ही लोग मसजिदों में जुटने लगे थे। सफेद कुरता-पाजामा, टोपी और इत्र लगा कर अपने नजदीकी मसजिदों में लोगों ने रमजान के अंतिम जुमे की नमाज अदा की।
अंजुमन इसलामिया हॉल, पटना जंक्शन स्थित जामा मसजिद, खानकाह मुजीबिया, फुलवारीशरीफ, मुदारपुर, शाह गद्दी मसजिद के अलावा छोटी खानकाह, दरियापुर मसजिद, न्यू मसजिद व सब्जीबाग शाहगंज मसजिद सहित विभिन्न मसजिदों में सैकड़ों की तादाद में नमाजियों ने नमाज अदा की। खुतबे में इमाम साहब ने रोजे की अहमियत, जकात-फितरा व ईद की नमाज से संबंधित तकरीर की। सबने आपसी भाईचारा व सूबे में अमन-चौन की दुआ मांगी। नमाज अदा करने के बाद लोग एक-दूसरे से गले मिले।
खत्म हुई कड़े इम्तिहान की घड़ी। अब ईद मनानी है। तमाम ईदगाहों में ईद की नमाज की तैयारियां शुरू हो गयी हैं। गांधी मैदान में ईद की नमाज सुबह आठ बजे होगी। वहीं औरतों की नमाज आलमगंज में पठान टोली स्थित शीश महल मदरसा में सुबह 9रू00 बजे पढ़ायी जायेगी। इसकी तैयारी कर ली गयी है।

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