रविवार, 16 सितंबर 2012

. . . और फिसल गई गृह मंत्री की जुबान!

. . . और फिसल गई गृह मंत्री की जुबान!

(विनीता विश्वकर्मा)

पुणे (साई)। देश के गृह मंत्री जैसे जम्मेदार ओहदे पर बैठे अनुभवी राजनेता सुशील कुमार ंिशंदे से शायद ही उम्मीद की गई होगी कि वे सियासी सीक्रेट्स को जनता के सामने लाएंगे। जी हां, सच है शिंदे का कहना है कि पब्लिक मेमोरी बहुत ही शार्ट होती है यानी जनता की याददाश्त कमजोर होती है, कोल मामले को जनता भूल जाएगी।
एक तो चोरी उसपर से सीनाचोरी. जी हां यह बात वर्तमान केंद्र सरकार पर बिलकुल सटीक बैठती है. कोल ब्लॉक आवंटन को लेकर चारों तरफ से आलोचना झेल रही सरकार के गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे का कहना है कि जल्दी ही जनता इस पूरे मामले को भूल जायेगी, क्योंकि जनता की याददाश्त बहुत कमजोर होती है.
जिस तरह वह बोफोर्स और पेट्रोल पंप आवंटन विवाद को भूल गई उसी तरह कोल ब्लॉक आवंटन को लेकर पैदा हुए विवाद को भी भूल जाएगी. पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में केन्द्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि लोगों की याददाश्त बहुत कमजोर होती है.
कोयले से हाथ कुछ दिन के लिए काले हो जाते हैं लेकिन हाथ को धोकर साफ कर दिया जाता है. कार्यक्रम में दिए बयान के बाद पत्रकारों से बातचीत में भी शिंदे ने यही बात दोहराई. शिंदे ने कहा कि हां, बोफोर्स और पेट्रोल पंप विवाद की तरह जनता कोल ब्लॉक आवंटन विवाद को भी जल्द भूल जाएगी. शिंदे मशहूर मराठी कवि नारायण सर्वे की याद में आयोजित अवॉर्ड समारोह में शिरकत करने के लिए पुणे आए हुए थे.

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