शुक्रवार, 19 अक्तूबर 2012

थांवरझोड़ी सरपंच के विरूद्ध पारित अविश्वास प्रस्ताव झमेले में


थांवरझोड़ी सरपंच के विरूद्ध पारित अविश्वास प्रस्ताव झमेले में

(रूपेश कोहरू)

सिवनी (साई)। आदिवासी विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत थांवरझोड़ी की आदिवासी महिला सरपंच एवं उपसरपंच के विरूद्ध पंचों द्वारा रखा गया अविश्वास प्रस्ताव और आज उस पर हुआ मतदान तथा निर्वाचन अधिकारी का निर्णय खटाई में पड़ गया है।  यद्यपि पीठासीन अधिकारी के रूप में नियुक्त कुरइ्र तहसीलदार यादोराव तुमराम ने आज संपन्न की गयी प्रक्रिया को यदि लिपिबद्ध कर दिया है तो मामला अब हाईकोर्ट का बन जावेगा।
उल्लेखनीय होगा कि कुल 10 पंचों की थांवरझोड़ी ग्राम पंचायत में सरपंच का चुनाव पंचायत क्षेत्र के लोगों द्वारा सीधा किया गया था। जबकि उपसरपंच की नियुक्ति 10 पंचों के द्वारा बहुमत के आधार पर की गयी थी। पिछले दिनों इस ग्राम पंचायत के निर्वाचित 10 पंचों में से 08 पंचगणों द्वारा एकमतेन होकर सरपंच एवं उपसरपंच के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव रखने का निर्णय लिया जाकर इस आशय की जानकारी जनपद पंचायत कुरई के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और प्रशासन को भी दी थी।
चूंकि निर्वाचित 10 पंचों में से 08 पंचों द्वारा एकमत होकर अविश्वास प्रस्ताव रखा गया था अतः जनपद पंचायत अधिकारी द्वारा इस अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार किया जाकर इस हेतु ग्राम पंचायत की विशेष सभा का आयोजन किया जाकर आम सहमति से मामले को सुलझाने और ऐसा न होने की स्थिति में मतदान की प्रक्रिया अपनाये जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी थी।
इस हेतु कुरई तहसीलदार श्री तुमराम को पीठासीन अधिकारी भी नियुक्त किया गया था और मामले को सुलझाने अथवा मतदान की प्रक्रिया संपन्न करने हेतु गुरूवार 18 अक्टूबर की तिथि मुकर्रर की गयी थी तथा इसकी सूचना अविश्वास प्रस्ताव रखने वाले सभी पंचों सहित सरपंच व उपसरपंच को भी दे दी गयी थी।
गुरूवार 18 अक्टूबर को नियत समय में तहसीलदार श्री तुमराम पुलिस कर्मी को लेकर ग्राम पंचायत मुख्यालय थांवरझोड़ी पहुंचे और उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव के संबंध में कार्यवाही प्रारंभ की। सर्वप्रथम तहसीलदार ने अविश्वास प्रस्ताव रखने वाले सभी पंचों को समझाईश देकर इसे वापस लेने का आग्रह किया और जब वे लोग नहीं माने तो फिर मतदान का सहारा लिया गया।
पीठासीन अधिकारी द्वारा जब अविश्वास प्रस्ताव रखने वाले पंचों को प्रस्ताव के पक्ष और विपक्ष में वोट डालने को कहा गया तो सभी ने अपने-अपने वोट डाल दिये। मजे की बात यह है कि अविश्वास प्रस्ताव रखने वाले जिन 08 पंचों ने अविश्वास प्रस्ताव रखा था उन्होंने उसके पक्ष में ही वोट डाला।
इस स्थिति को देखते हुए पीठासीन अधिकारी द्वारा सरपंच को भी वोट डालने का अधिकार दे दिया गया और जैसे ही सरपंच का वोट प्रस्ताव के विरोध में गया तो पीठासीन अधिकारी ने इस अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
बाद में जब पीठासीन अधिकारी परिणामों की घोषणा की तो असंतुष्ट पंच इस निर्णय से सहमत नहीं हुए और वे तत्काल सिवनी आ गये। जहाँ उन्होंने अनुविभागीय दंडाधिकारी के न्यायालय में अपने अधिवक्ता श्री पंकज शर्मा के माध्यम से पीठासीन अधिकारी द्वारा दिये गये निर्णय को रोके जाने की मांग की।
अनुविभागीय दंडाधिकारी द्वारा अविश्वास प्रस्ताव रखने वाले 08 पंचों के अधिवक्ता द्वारा बतायी गयी स्थिति को सुनने के बाद वे स्वंय भी असमंजस्य में पड़ गये और उन्होंने मामले को अपर कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किया जिन्होंने भी मामले की खोजपोच भरी स्थिति को देखते हुए एसडीएम को ही उचित निर्णय लेने के निर्देश दे दिये।
अब अनुविभगीय दंडाधिकारी ने इस पूरे प्रकरण पर अविश्वास प्रस्ताव रखने वाले 08 पंचों को अपने समक्ष उपस्थित होने का निर्णय लेते हुए अग्रिम कार्यवाही किये जाने का फैसला किया। अब देखना यह है कि शुक्रवार 19 अक्टूबर को उपस्थित पंचों का पक्ष सुनने के बाद एसडीएम स्वंय कोई निर्णय लेते हैं या मामले को हाईकोर्ट की राह दिखाते हैं।

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