शनिवार, 22 दिसंबर 2012

धर्म के बाद महाप्रलय बना धंधा, अब 2036 में दुनिया खत्म !


धर्म के बाद महाप्रलय बना धंधा, अब 2036 में दुनिया खत्म !

(रश्मि सिन्हा)

नई दिल्ली (साई)। देश में इलेक्ट्रनिक मीडिया भी गजब ढा रहा है। कभी टीवी पर धर्म का धंधा चमकता है तो कभी महाप्रलय का। एक समय था जब सुबह सवेरे योग के बहाने लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया था भगवा वस्त्र धारी एक बाबा ने। इसके बाद कुर्ता पायजामा वाले किरपा बरसाने वाले बाबा छाए रहे, तो अब महाप्रलय छा गया टीवी पर।
कई सालों से 21 दिसंबर 2012 के दिन दुनिया खत्म होने की अफवाहों ने माहौल को गर्म कर रखा था। इसी दिन पांच हजार साल पुराना माया कैलेंडर समाप्त हो गया। इसी कैलेंडर को आधार बना कर 21-12-12 को महाप्रलय की आशंका जतायी गयी थी।
लेकिन ऐसा कुछ नहीं और दुनिया पहले ही की तरह पूरी आबाद है। दुनिया ऐसे ही चलती रहेगी। मीडिया में आयी रिपोर्ट के मुताबिक ब्राजील के गांव आल्टो पारायसो में प्रलय में विश्वास रखने वाले लोग भारी तादाद में पहुंच गये थे। इस गांव के बारे में कहा जाता रहा है कि यहां रहस्यमयी शक्तियां हैं जो सालों से प्रलय का इंतजार कर रही हैं। उधर अब 2036 में प्रलय आने की खबरें इंटरनेट पर आने लगी हैं। हालांकि इसे भी एक नया धंधा ही माना जा रहा है।
एक विदेशी एजेंसी के सर्वे के मुताबिक, चीन की करीब 20 प्रतिशत जनता ने कयामत की अफवाहों पर विश्वास जताया। यहां अफवाह फैलाने वाले करीब 450 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। बहुत सारे लोगों ने तो कयामत के दिन की तैयारियों के मद्देनजर घर में रसद और मोमबत्तियां जैसी दैनिक जरूरत से जुड़ी चीजें इकट्ठी कर लीं। लोग खास किस्म के सर्वाइवल पॉड्स बनवाने का ऑर्डर करते रहे। इनकी खासियत यह है कि इसमें एक बार में 14 लोग समा सकते हैं और यह सुनामी की तेज लहरों को झेलने में सक्षम है।
दुनिया के अंत के संबंध में समय-समय पर कई प्रकार की भविष्यवाणियां की जाती रही हैं। 21 मई, 2011 और उससे पहले 6 जून 2006 को दुनिया के विनाश का दिन बताया जा रहा था। नास्त्रेदमस ने भी 2012 में धरती के खत्म होने की भविष्यवाणी की थी। जर्मनी के वैज्ञानिक रोसी ओडोनील और विली नेल्सन ने 21 दिसंबर 2012 को एक्स ग्रह की पृथ्वी से टक्कर की बात कह कर धरती के विनाश की अफवाहों को और हवा दे दी।
ऐसी ही एक अफवाह 1910 में फैली थी जब हेली पुच्छल तारा पृथ्वी के आसपास से गुजरा था और आशंकाएं जतायी गयी थीं कि यह पृथ्वी से टकरा सकता है। क्या थी अफवाह? दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक माया सभ्यता के एक कैलेंडर में 21 दिसंबर 2012 के आगे किसी तारीख का कोई जिक्र नहीं है। इस वजह से माना जा रहा था कि इस दिन पूरी दुनिया समाप्त हो जायेगी। माया कैलेंडर की एक व्याख्या के मुताबिक 21 दिसंबर 2012 में एक ग्रह पृथ्वी से टकरायेगा, जिससे धरती खत्म हो जायेगी।
पुराणों के अनुसार महाप्रलय एक मनवंतर की समाप्ति पर आता है। प्रत्येक मनवंतर 71 महायुग का होता है। एक महायुग में 71 सतयुग, इतने ही त्रेता, द्वापर और कलयुग होते हैं। वर्तमान में वैवस्वत मनवंतर चल रहा है जिसके सतयुग, त्रेतायुग और द्वापर समाप्त हो चुके हैं और 28वां कलयुग चल रहा है।

कोई टिप्पणी नहीं: