बुधवार, 13 मार्च 2013

छिंदवाड़ा जिले में फटाफट मिलता है फारेस्ट क्लीयरेंस!


0 सिवनी से नहीं चल पाएगी पेंच व्हेली ट्रेन . . . 16

छिंदवाड़ा जिले में फटाफट मिलता है फारेस्ट क्लीयरेंस!

(संजीव प्रताप सिंह)

सिवनी (साई)। सिवनी जिले में ब्राडगेज अब युवा होती पीढ़ी के लिए सपना ही साबित हो रहा है। महाकौशल अंचल के पिछड़े सिवनी जिले में सशक्त नेतृत्व के अभाव में यहां विकास की किरणें प्रस्फुटित होती नहीं दिख रही हैं। वहीं पड़ोसी जिले छिंदवाड़ा और बालाघाट में लंबित परियोजनाओं को फटाफट क्लियरेंस मिलने से यहां विकास दु्रत गति से हो रहा है।
ज्ञातव्य है कि सिवनी जिले में लगभग सौ साल पुरानी बाबा आदम के जमाने की नेरोगेज रेल लाईन संचालित हो रही है। इस रेल लाईन के अमान परिवर्तन की बात लंबे समय से की जा रही है। बार बार मांग करने पर सिवनी जिले की झोली में आश्वासन के अतिरिक्त और कुछ भी नही आ पाता है। दो दो सांसदों वाले सिवनी जिले में ब्राडगेज का ना आना वाकई आश्चर्य और शोध का ही विषय माना जा रहा है।
रेल्वे के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि छिंदवाड़ा से सौंसर होकर नागुपर के अमान परिवर्तन को हरी झंडी मिल चुकी है और इसमें से छिंदवाड़ा से सौंसर तक का काम भी अगले साल तक पूर्ण होने का लक्ष्य रखा गया है। यहां उल्लेखनीय तथ्य यह है कि छिंदवाड़ा से नागपुर रेल खण्ड दो बार रिजर्व फारेस्ट और वाईल्ड लाईफ कारीडोर को काट रहा है।
बावजूद इसके इस बारे में केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्रालय मौन साधे हुए है। कहा जा रहा है कि बालाघाट से नैनपुर होकर जबलपुर जाने वाले रेलखण्ड के अमान परिवर्तन का काम भी इसीलिए रूका हुआ है क्योंकि इसका कुछ हिस्सा सिवनी के वनों से होकर गुजर रहा है।
(क्रमशः जारी)

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