सोमवार, 8 अप्रैल 2013

नूरजहां की बढ़ रही मांग


नूरजहां की बढ़ रही मांग

(विजय सिंह राजपूत)

इंदौर (साई)। मध्य प्रदेश में पैदा होने वाला नूरजहां आम अब देश दुनिया में तेजी से लोकप्रिय होता जा रहा है। अपने भारी वजन के चलते दुनिया भर में मशहूर आम प्रजाति नूरजहां के चाहने वालों के लिए अच्छी खबर है। जानकारों के मुताबिक बढ़िया मानसूनी बारिश से इस बार नूरजहां का औसत वजन पिछले वर्ष के मुकाबले एक किलोग्राम बढ़कर पांच किलोग्राम तक पहुंच सकता है।
अफगानिस्तानी मूल की यह भारी-भरकम आम प्रजाति मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल अलीराजपुर जिले के कट्ठीवाड़ा क्षेत्र में पायी जाती है। झाबुआ के कृषि विज्ञान केंद्र के कार्यक्रम समन्वयक डॉ आईएस तोमर ने बताया, पिछले साल नूरजहां आम प्रजाति के फलों का औसत वजन चार किलोग्राम के आस-पास था। इस साल कट्ठीवाड़ा क्षेत्र में बढ़िया मानसूनी बारिश के चलते इनका औसत वजन बढ़कर पांच किलोग्राम के स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है।
उन्होंने बताया कि यहां से करीब 250 किलोमीटर दूर कट्ठीवाड़ा क्षेत्र में नूरजहां की फसल 15 जून तक पककर तैयार होगी। नूरजहां के फल तकरीबन एक फुट तक लंबे हो सकते हैं। इनकी गुठली का वजन ही 150 से 200 ग्राम के बीच होता है। यानी बस एक आम से एक छोटा परिवार बडे आराम से पेटपूजा कर सकता है।
नूरजहां का मौजूदा वजन आश्चर्यचकित करने वाला है। लेकिन यह बात दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर कर देती है कि दशक भर पहले इसका वजन सात किलोग्राम तक होता था। यानी फलों के राजा आम की यह भारी-भरकम मलिका भारत में अपनी इकलौती पनाहगाह में खासी दुबला चुकी है।
तोमर बताते हैं, जलवायु परिवर्तन के चलते तापमान में असामान्य उछाल और उचित देखभाल का अभाव इस आम प्रजाति का वजन घटने के प्रमुख कारणों में शुमार हैं।

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