मंगलवार, 10 सितंबर 2013

डेंगू को बहुत ही हल्के में ले रहा है प्रशासन!

डेंगू को बहुत ही हल्के में ले रहा है प्रशासन!

नहीं हो रहा दवा का छिड़काव, न हो रही घरों घर लार्वा की जांच

(अय्यूब कुरैशी)

सिवनंी (साई)। दो माह पहले सिवनी में मिले खतरनाक डेंगू के लार्वा की तादाद अब तेजी से बढ़ती जा रही है। जिला प्रशासन के कड़े निर्देशके बाद भी स्वास्थ्य विभाग और नगर पालिका प्रशासन कुछ देर को जागा फिर कुंभकर्णीय निंद्रा में जा पहुंचा है। शहीद वार्ड और विवेकानंद वार्ड की सीमा को लांघकर डेंगू के मच्छर अब महावीर और कबीर वार्ड तक कूच कर चुके हैं। हाल ही में पीपरडाही के समीप के एक ग्राम के बीस वर्षीय रामायण राम भरोस की मौत डेंगू से होना बताया जा रहा है।
जानकारों का कहना है कि मच्छर वार्ड की सीमा नहीं पहचानते हैं अतः इन्हें शिक्षित करना होगा कि ये अपने वार्ड को छोड़कर न जाएं। इसके पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग और पालिका प्रशासन ने पूर्व में विवेकानंद वार्ड और शहीद वार्ड में घरों घर जाकर डेंगू के लार्वा खोजकर उन्हें नष्ट करने का काम किया था।

समाचार एजेंसी ने दी थी चेतावनी
उल्लेखनीय होगा कि समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ने इसकी पूर्व में चेतावनी दी थी कि डेंगू को हल्के में न लिया जाए। साई न्यूज ने दिल्ली के प्रकरणों के हवाले से सिवनी के जिला प्रशासन को चेताया था। साई न्यूज के हवाले से दैनिक हिन्द गजट ने 31 जुलाई को सिवनी में मिले खतरनाक डेंगू के चार मरीज‘, 01 अगस्त को स्थिति बेकाबू हो सकती है डेंगू, मलेरिया की‘, 03 अगस्त को पालिका हेल्थ के बीच आरोप प्रत्यारोप का सबब बना डेंगू अभियान!‘ 07 अगस्त को थम नहीं रहा डेंगू के लार्वा मिलने का सिलसिला‘‘ समाचार प्रकाशित किए थे।
इसके साथ ही साथ समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के संपादक लिमटी खरे की विशेष टिप्पणी ‘‘बुढ़िया के मरने का गम नहीं गत तो इस बात का है मौत ने घर देख लिया. .।‘‘ में भी इस बात का उल्लेख किया गया था कि अभी तक डेंगू के मरीज सिवनी में नहीं मिले थे, अब डेंगू के लक्षण मिलने का साफ तात्पर्य है कि डेंगू के लिए जिम्मेदार मच्छरों ने सिवनी में आमद दे दी है, जो चिंता का विषय है।
जब समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया की खबरों का प्रकाशन दैनिक हिन्द गजट में किया गया उस वक्त मीडिया के कुछ लोगों द्वारा यह भी कहा जा रहा था कि दैनिक हिन्द गजट द्वारा अनावश्यक ही डेंगू का डर बताया जा रहा है। जबकि वास्तविकता यह थी कि डेंगू की भयावहता देश की राजधानी दिल्ली में जमकर देखने को सालों से मिल रही है। इसके अलावा पिछले दिनों मण्डला में डेंगू ने जमकर कहर बरपाया था।

नहीं हो रही जांच
सिवनी में न जाने कितने घरों की छत पर पानी की टंकी खुली पड़ी हैं, जिसमें डेंगू या मलेरिया के लिए जिम्मेदार मच्छरों का लार्वा पल रहा होगा। जैसे ही विवेकानन्द वार्ड में डेंगू के मरीज मिले, प्रशासन हरकत में आया और वहां घरों घर जाकर लार्वा की चेकिंग की गई। हजारों घरों से डेंगू का लार्वा मिलना इस बात का खतरनाक संकेत है कि डेंगू ने सिवनी शहर में बुरी तरह आमद दे दी है।

हल्के में लिए जा रहे कलेक्टर के निर्देश
जिले में अराजकता का माहौल दिख रहा है। प्रशासनिक पकड़ कमजोर पड़ती दिख रही है। जिला कलेक्टर बार बार डेंगू मलेरिया को लेकर निर्देश दे रहे हैं, पर स्वास्थ्य विभाग और नगर पालिका प्रशासन उनके निर्देशों को बहुत ही हल्के में ले रहा है। इसी का परिणाम है कि डेंगू के मच्छर अब विवेकानंद और शहीद वार्ड से निकलकर कबीर और महावीर वार्ड तक जा पहुंचे हैं। गत दिवस महावीर वार्ड निवासी अजय गुप्ता और कबीर वार्ड में हॉस्टल निवासी सुबोध सिरोल डेंगू प्रभावित पाए गए।

26 जुलाई को हुई थी पुष्टि
सिवनी में डेंगू जैसी खतरनाक बीमारी के मरीजों की पुष्टि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा की गई थी। वहीं मलेरिया से भी अब तक कुछ मौत होने की खबरें प्रकाश में आई हैं। सत्ता के मद में चूर भाजपा को भी इस दिशा में कोई पहल करने की फुर्सत नहीं है। कबीर वार्ड में समन लोधी के जवान पुत्र की बुखार से गत दिवस मृत्यु हो गई। संभावना व्यक्त की जा रही है कि इसकी मृत्यु भी डेंगू से ही हुई है।

कहां है फागिंग मशीन

एक के बाद एक डेंगू और मलेरिया के मरीज मिलने से विवेकानंद, शहीद, कबीर और महावीर वार्ड के पार्षद कटघरे में खड़े हो गए हैं। इन चारों वार्ड के पार्षद संजय डागा, इब्राहिम कुरैशी, संजय भलावी, श्रीमती तृप्ति नामदेव से शहर की जनता यह पूछना चाह रही है कि क्या उनके वार्ड में नगर पालिका परिषद् या स्वास्थ्य विभाग की फागिंग मशीन चल रही है, और अगर नहीं चल रही है तो उन्होंने अपने वार्ड के नागरिकों को डेंगू मलेरिया से बचाने के लिए क्या जतन किए हैं? अगर नहीं किए हैं तो उन्हें पार्षद की आसनी पर बैठने का हक शायद नहीं रह जाता है। शहर के पॉश इलाका माने जाने वाले बारापत्थर क्षेत्र में गाहे-बगाहे फॉगिंग मशीन का धुंआ अवश्य दिख जाता है।

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