शनिवार, 15 मार्च 2014

मरीज की मौत पर आसान नहीं होगी चिकित्सक की गिरफ्तारी

मरीज की मौत पर आसान नहीं होगी चिकित्सक की गिरफ्तारी

लखनादौन में हुई मौत पर पुलिस ने धर लिया था चिकित्सक को

(नन्द किशोर)

भोपाल (साई)। इलाज में लापरवाही के मामले में अब पुलिस आरोपी डॉक्टर को खुद की जांच के आधार पर गिरफ्तार नहीं कर सकेगी। उसे पहले सरकारी अस्पताल के डॉक्टर से मामले की जांच कराना पड़ेगी। जांच में आरोप सही पाए जाने पर ही पुलिस को गिरफ्तारी की कार्यवाही का अधिकार होगा।
स्वास्थ्य संचालनालय के अधिकारियों के मुताबिक अभी पुलिस, मरीज के परिजन की शिकायत पर इलाज में लापरवाही का मामला दर्ज कर लेती है। इलाज के दौरान मृत्यु होने पर परिजनों की शिकायत पर पुलिस डॉक्टर के विरुद्ध गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार भी कर लेती है।
संचालनालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि यह कार्यवाही शिकायत की जांच के बगैर की जाती है। इस कारण अब सभी कलेक्टर और एसपी को डॉक्टर्स के विरुद्ध इलाज के लापरवाही से जुड़े मामलों में उनकी गिरफ्तारी, एक्सपर्ट कमेटी (मेडिकल कॉलेज डीन, सीएमएचओ, सिविल सर्जन) से शिकायत की जांच के बाद कराने के निर्देश दिए गए हैं।

हर साल दर्ज होते हैं 10 मामले
सीएमएचओ डॉ.पंकज शुक्ला ने बताया कि राजधानी में हर साल इलाज में लापरवाही से मरीज की मौत के औसतन 10 मामले विभिन्न थानों में दर्ज होते हैं। जिनके जांच मानवाधिकार आयोग, महिला आयोग, मध्यप्रदेश मेडिकल काउंसिल के निर्देश पर की जाती है।

डॉक्टरों ने की थी हड़ताल

इसी साल जनवरी में सिवनी जिले के लखनादौन अस्पताल में इलाज के दौरान एक मरीज की मौत के बाद पुलिस ने डॉक्टर को गिरफ्तार किया था। उसके विरुद्व पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था। घटना के तत्काल बाद मध्यप्रदेश मेडिकल ऑफिसर एॅसोसिएशन ने डॉक्टर को गिरफ्तार करने वाले पुलिस अधिकारियों के निलंबन की मांग को लेकर हड़ताल की थी। इसके बाद सरकार ने विशेषज्ञों की कमेटी से शिकायत की जांच कराकर, मामला खत्म किया था।

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