मंगलवार, 21 दिसंबर 2010

फिर रूलाने पर आमदा है प्याज

फिर रूलाने पर आमदा है प्याज

लिमटी खरे

नई दिल्ली। इस साल के अंत तक मंहगाई के कम होने के सरकार के दावों की पोल खुलने लगी हैै। पूरे साल महंगाई रोकने का दावा करती रही केंद्र सरकार के कदमों का नतीजा सामने आने लगा है। पेट्रोल की कीमतों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर दिए जाने के चलते पेट्रोल के दाम लगातार बढ़ ही रहे हैं। अब प्याज की कीमत देश भर में 60 से 80 रुपये प्रति किलो पहुंच गई है। सरकार इसके लिए मौसम को दोषी बता रही है, लेकिन सच यह है कि सरकार बिना कुछ सोचे समझे प्याज का निर्यात करती रही और अब हालात बेकाबू हो जाने पर उसी पाकिस्तान से प्याज खरीदे जा रहे हैंए जिसे भारत सरकार ने बेचा था।

0 हफ्ते भर में दोगुनी बढ़ोतरी

एक सप्तााह के अंदर देश में प्याज की कीमत 100 से 130 फीसदी तक बढ़ी है। इसके बाद सरकार ने निर्यात पर 15 जनवरी तक के लिए रोक लगाई है और पाकिस्तान से प्याज खरीदने का फैसला किया है। हालांकि कृषि मंत्री शरद पवार ने यह भी साफ कर दिया है कि अभी कम से कम तीन हफ्ते कीमतें नीचे नहीं आएंगी।

राजधानी दिल्ली समेत देशभर में प्याज की कीमत 70 से 80 रुपए प्रति किलो पहुंच गई है। यह कीमतें पिछले हफ्ते 30 से 40 रुपये प्रति किलो थी। पाकिस्तान ने 13 ट्रक प्याज भेजे हैं। ये प्याज सोमवार को अटारी वाघा सीमा होते हुए अमृतसर पहुंच गए। एक ट्रक में पांच से 15 टन प्याज भरा है। लेकिन इससे कीमतों पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है।

क्यों बढ़ी कीमतें

बेमौसम बारिश के कारण नासिक की मंडियों में प्याज की आवक कम है। नासिक में पिछले माह हुई बारिश के कारण एक लाख हेक्टेयर पर लगी प्याज की फसल का नुकसान हुआ था। व्यापारियों का कहना है कि गुजरात और राजस्थान में पिछले दिनों आई बरसात से प्याज खराब हो गई है। कुछ खेतों में और कुछ बाहर प्याज काफी हद तक सड़ गई। सारी स्थिति को जानते हुए भी सरकार ने प्याज का निर्यात जारी रखा, इसके चलते जमाखोरों की मौज हो गई है।

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