मंगलवार, 21 दिसंबर 2010

पीएम जेपीसी के लिए तैयार क्यों नहीं: गडकरी

पीएम जेपीसी के लिए तैयार क्यों नहीं: गडकरी

लिमटी खरे
नई दिल्ली। लोक लेखा समिति के सामने पेश होने की प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पेशकश के बावजूद भाजपा ने अपनी मांग से पीछे नहीं हटते हुए मंगलवार को कहा कि 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले की जांच के लिए सरकार को संयुक्त संसदीय समिति का गठन करना चाहिए। भाजपाध्यक्ष नितिन गडकरी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री अगर पीएसी का सामना करने को तैयार हैं तो फिर उन्हें जेपीसी से जांच कराने में क्या एतराज है। अगर जांच की आवश्यकता है तो सरकार द्वारा खुद जज तय करना गलत है।

उन्होंने कहा कि पीएसी की तरह जेपीसी में भी कांग्रेस के प्रतिनिधि होंगे। ऐसे में विपक्ष की मांग को मानने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। गडकरी ने कहाए संसदीय समिति होने के कारण पीएसी की सीमाएं हैं, क्योंकि यह कैग की रिपोर्ट के आधार पर जांच करेगी, जबकि जेपीसी के व्यापक अधिकार हैं।

सोनिया गांधी की इस बात पर कि कांग्रेस भ्रष्टाचार के खिलाफ चंहु मुखी जंग छेड़ेगी, भाजपा के शीर्ष नेता ने कहा कि सोनिया विपक्ष की तरह बात कर रही हैं। पहला सवाल तो यह है कि अगर सरकार उनकी है तो भ्रष्टाचार हुआ ही क्यों, उन्हें इस बात का जवाब देना चाहिए और कार्रवाई करनी चाहिए।

भ्रष्टाचार के खिलाफ राजग की कल की प्रस्तावित रैली के बारे में गडकरी ने कहा कि 1947 के बाद भारत के इतिहास मे 2 जी स्पेक्ट्रम सबसे बड़ा घोटाला है इसलिए इसके खिलाफ जनमत बनाना जरूरी है। प्याज़ की बढ़ती कीमतों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि यह खराब शासन और गलत आर्थिक नीतियों का नतीजा है।

कोई टिप्पणी नहीं: