शुक्रवार, 18 फ़रवरी 2011

महिला आरक्षण पर सियासत शुरू

फिर निकला महिला आरक्षण का जिन्न

बजट सत्र में पेश करने की तैयारी

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। घपले घोटालों से परेशान कांग्रेस ने अब संसद का बजट सत्र सुचारू तौर पर चलाने की नई कवायद आरंभ कर दी है। बजट सत्र में महिला आरक्षण बिल को प्रस्तुत करने की संभावनाएं अचानक बढ़ गई हैं। लोकसभा में दलों के सचेतकों को थमाए गए विधाई एजेंडे में महिला आरक्षण को भी स्थान दिया गया है।
लोकसभा सचिवालय से छन छन कर बाहर आ रही खबरों पर अगर यकीन किया जाए तो सरकार द्वारा बजट सत्र में पारित कराए जाने वाले विधेयकों की सूची में महिला आरक्षण विधेयक भी शािमल किया गया है। गौरतलब होगा कि पिछले साल मार्च में इसे लेकर राज्यसभा रणभूमि बन गया था। मजबूरी में सरकार ने वायदा किया था कि राजनीतिक आम सहमति बनने के उपरांत ही इसे लोकसभा में पेश किया जाएगा।
माना जा रहा है कि भ्रष्टाचार, घपले, घोटालों के चलते संसद के बजट सत्र में गहमा गहमी रोकने के लिए कांग्रेस द्वारा इस तरह की चाल चली जा रही है, ताकि विपक्ष की एकता को दरकाया जा सके। बताया जाता है कि कांग्रेस द्वारा जानबूझकर इसे राज्य सभा द्वारा पारित किए गए मौजूदा स्वरूप में ही लोकसभा में लाया जा रहा है ताकि विपक्ष इस मामले में ही उलझा रहे और उसका ध्यान अन्य मुद्दों की ओर न जाए।

ये हैं मौजूदा स्वरूप के खिलाफ

समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज वादी पार्टी, जनता दल यूनाईटेड इसके मौजूदा स्वरूप के मुखर विरोधी हैं, यहां तक कि कांग्रेस और भाजपा में भी अतिपिछड़ों के लिए कोई विकल्प न रखे जाने से इसकी मुखालफत करने वालों की कमी नहीं है।

युवराज भी हैं भयाक्रांत

कांग्रेस के महासचिव राहुल गांधी भी महिला आरक्षण बिल से घबराए हुए हैं। बुराड़ी में दिसंबर में हुए कांग्रेस के महाधिवेशन में उन्होंने मजाक में ही सही पर यह कहकर सभी को चौंका दिया था कि महिला आरक्षण विधेयक के चलते उन्हें भी डर है कि कहीं उनकी सीट ही महिलाओं के लिए आरक्षित न हो जाए।

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