शुक्रवार, 18 फ़रवरी 2011

उत्तर प्रदेश में पकड़ मजबूत करने में जुटे वरूण

निर्वासित राजकुमार पुर्नवास की तलाश में!

राजाओं पर डाल रहे हैं डोरे

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नेहरू गांधी परिवार के निर्वासित राजकुमार वरूण गांधी भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारकों की फेहरिस्त मंे अपना स्थान बना चुके हैं, किन्तु खाटी भाजपा नेताओं ने उनका महिमा मण्डन नहीं किया है, जिससे वे राहुल गांधी की लोकप्रियता के मुकाबले कमतर ही माने जाते हैं। वरूण गांधी के हालिया कदमतालों को देखकर लगने लगा है कि उन्होंने अपने आप को स्थापित करने की जुगत लगाना आरंभ कर दिया है, और यह काम उन्होंने उत्तर प्रदेश से आरंभ किया है।
अगले माह शादी के बंधन मंे बंधने जा रहे वरूण ने अपने लिए दुल्हनिया तलाशी वो भी ब्राम्हण। इस तरह उन्होंने अब अपने चचेरे भाई राहुल गांधी के कम्बोडियाई गर्लफ्रेंड के साथ शादी के अरमानों पर पानी फेर दिया है। यद्यपि यामिनी उनकी बचपन की सखी है, पर है तो खालिस देशी ही। वाराणसी में शंक्राचार्य के आश्रम में सादे समारोह में शादी की सुर्खियां बटोरने के बाद वरूण द्वारा दिल्ली में होटल अशोक में एक जोरदार धमाकेदार रिसेप्शन दे रहे हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि इसमें सोनिया, राहुल गांधी के साथ ही साथ प्रियंका वढ़ेरा भी शिरकत कर सकती हैं।
खुद को स्थापित करने के लिए वरूण गांधी ने अब अपने मरहूम पिता स्वर्गीय संजय गांधी के नक्शे कदम पर चलना आरंभ कर दिया है। वरूण अब उत्तर प्रदेश से अपना सक्रिय सियासी सफर आरंभ करने लालायित लग रहे हैं। इसीलिए उन्होंने उत्तर प्रदेश के राजघरानों पर डोरे डालना आरंभ कर दिया है। राहुल की टीम में कांग्रेस के वफादार रहे राजा सहसपुर बिदारी चंद, विजय सिंह, समाजवादी राजा साहेब बांसी, राजा साहेब भिनगा, बहराईच राजा साहेब भदावर, बसपा सांसद रहे राजा साहेब मानकापुर को शामिल हो चुके हैं।
घपलों घोटालों में घिरी कांग्रेसनीत संप्रग सरकार को बचाने में कांग्रेस की राजमाता श्रीमति सोनिया गांधी और युवराज राहुल गांधी दिन रात एक किए हुए हैं, एसी स्थिति में नेहरू गांधी परिवार के निर्वासित राजकुमार वरूण गांधी का दबे पांव लोगों को एकत्र करना निश्चित तौर पर उनकी सियासी समझ बूझ का परिचायक ही माना जाएगा। वैसे भी भाजपा द्वारा वरूण को स्थापित करने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है।

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