शुक्रवार, 4 मार्च 2011

हम हैं सबसे बडे कर्जदार

हम हैं पांचवे सबसे बड़े कर्जदार 
(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। हिन्दुस्तान विश्व के बड़े कर्जदारों की फेहरिस्त में शामिल हो गया है, जी हां यह सच है। विश्व बैंक के ग्लोबल डेवेलपमेंट फाइनैंस 2010 प्रतिवेदन में 20 कर्जदार देशों के आंकड़ों के आधार पर हिन्दुस्तान को दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा कर्जदार देश बताया गया है।
लोकसभा में शिव कुमार उदासी के प्रश्न के लिखित उŸार में विŸा मंत्री प्रणव मुखर्जी ने बताया कि वल्र्ड बैंक के ग्लोबल डेवेलपमेंट फाइनैंस 2010 रिपोर्ट में बाहरी कर्ज के मामले में भारत को दुनिया का पांचवां सबसे कर्जदार देश बताया गया है। इस सूची में पहले स्थान पर रूस उसके बाद चीन, तुर्की और ब्राजील हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि सितंबर 2010 को समाप्त तिमाही में भारत का बाहरी कर्ज 13 लाख 32 हजार 195 करोड़ रुपये था जबकि इससे पूर्व मार्च 2010 को समाप्त तिमाही में बाहरी कर्ज 11 लाख 84 हजार 998 करोड़ रुपये था। प्रणव मुखर्जी ने कहा कि इन कर्जों र्में सितंबर 2010 को समाप्त तिमाही में 77.7 प्रतिशत कर्ज लंबी अवधि के थे और 22.3 प्रतिशत कर्ज कम समय के थे।

कोई टिप्पणी नहीं: