शनिवार, 14 मई 2011

घरेलू पेयजल के मानक तय करने का मसौदा तैयार


पेयजल के लिए सरकार हुई संजीदा

नई दिल्ली (ब्यूरो)। बोतल बंद पानी और शीतल पेय के जैसे ही आने वाले समय मंे घरेलू उपयोग के पेयजल के मानक तय किए जाने वाले हैं। इसके पीछे केंद्र सरकार का उद्देश्य रियाया को पीने का शुद्ध पानी मुहैया करवाना है। वर्तमान में लोगों को पेयजल भले ही सरकार के स्थानीय निकाय ही उपलब्ध करा रहे हों किन्तु सरकार इस बात पर जोर देने वाली है कि पानी की किल्लत को दूर करने के लिए बनाई जाने वाली नीतियों में स्थानीय आवश्क्ताओं को भी ध्यान में रखा जाए।
राष्ट्रीय पेयजल एवं स्वच्छता परिषद की पहली बैठक में ही सदस्यों द्वारा घरों में प्रदाय किए जाने वाले पेयजल की शुद्धता के मानक तय करने पर जोर दिया। बैठक में इस बात पर भी बल दिया गया कि एसे उपाय ढूंढे जाने चाहिए जिससे जल स्त्रोतों का अधिक से अधिक दोहन किया जाकर जल की रीसाईक्लिंग के बेहतर उपाय भी ढूंढे जाएं।
यद्यपि घरों मंे प्रदाय किए जाने वाले पेयजल के मानक तय करने की बात हवा में उछाल दी गई है, फिर भी माना जा रहा है कि जिस तरह सालों साल से शीतल पेय और बोतल बंद पानी के मानक ही सरकार आठ सालों मंे तय नहीं कर पाई उसी तरह पेयजल के मानक तय करने का मसला भी अधर में ही रह जाएगा।

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