शनिवार, 14 मई 2011

रमेश ने खोला दिग्विजय के खिलाफ मोर्चा


मजबूर मनमोहन के मजबूर मंत्री

जयराम ने जाहिर की अपनी मजबूरी

दबाव में मिली महेश्वर डेम को मंजूरी!

दिग्विजय की रूचि गर्माई सियासत

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। वजीरे आजम डाॅ.मनमोहन सिंह के अप्रत्यक्ष दबाव के चलते मध्य प्रदेश की महेश्वर हाइड्रोइलेक्ट्रिकल बांध परियोजना पर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने तो सहमति दे दी है, पर वे इससे बेहद खफा ही नजर आ रहे हैं। सहमति देने के दिन ही एक सेमीनार में जयराम रमेश ने कहा कि इस परियोजना को पास करने के लिए उन पर उपरीदबाव था।
गौरतलब होगा कि कुछ माह पूर्व प्रधानमंत्री ने देश के इलेक्ट्रानिक मीडिया के चुनिंदा संपादकों के साथ चर्चा के दौरान खुद को मजबूर बताया था, अब उनके मंत्री खुद को असहाय और मजबूर बता रहे हैं। इस परियोजना में सैद्धांतिक सहमति इसलिए नहीं दी जा पा रही थी, क्योंकि इसमें पर्यावरणीय समस्याएं हैं, इसका मतलब साफ है कि दबाव में देश के कर्णधार नियमों को धता बताने से भी नहीं चूक रहे हैं।
उधर मध्य प्रदेश कोटे से मंत्री रहे कमल नाथ के बाद अब कांग्रेस महासचिव राजा दिग्विजय के खिलाफ भी जयराम रमेश ने मोर्चा खोल ही दिया है। कांग्रेस के अंदरखाने से छन छन कर बाहर आ रही खबरों पर अगर यकीन किया जाए तो जयराम रमेश ने अब कांग्रेस के रणनीतिकारों को यह बताना आरंभ कर दिया है कि इस तरह के नियम विरूद्ध काम करने और मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चैहान के सुर में सुर मिलाने का काम राजा दिग्विजय सिंह ही कर रहे हैं।
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश का आरोप है कि दबाव में एमपी की इस रूकी परियोजना को पास कराने के लिए कहा गया था। जयराम रमेश ने परोक्ष तौर पर इसके लिए प्रधानमंत्री डाॅ.एम.एम.सिंह और महासचिव दिग्जिवय सिंह को जवाबदार ठहराते हुए कहा कि अनेक अनियमिताओं को सहन करना उनकी मजबूरी है।

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