मंगलवार, 31 मई 2011

अव्यवस्था के साए में वेष्णो देवी यात्रा


अव्यवस्था के साए में वेष्णो देवी यात्रा

श्राईन बोर्ड को नहीं परवाह श्रृद्धालुओं की

कहीं बिजली गुल तो कहीं उबड़ खाबड़ सड़कें

(सी.एस.जोशी)

कटड़ा। त्रिकुटा की पर्वत श्रंखलाआंे पर विराजी माता वेष्णो देवी की यात्रा के दरम्यान अब श्रृद्धालुओं द्वारा नारकीय कष्ट भोगे जा रहे हैं। तत्कालीन महामहिम राज्यपाल जगमोहन के कार्यकाल में माता वेष्णो देवी श्राईन बोर्ड द्वारा श्रृद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रख अनेक प्रबंध किए गए थे, जो वर्तमान में दम तोड़ती जा रही हैं।

जम्मू काश्मीर मंे हिन्दुओं के प्रमुख तीर्थ स्थल माता वेष्णो देवी के दर्शन के दौरान कटड़ा से वाणगंगा द्वार पर पहुंचते ही अव्यवस्थाओं का आलम पसरा दिखाई देता है। कहा जाता है कि किसी भी देवी देवता या देवालय के दर्शन के पूर्व हाथ पैर धोए जाते हैं किन्तु वाणगंगा प्रवेश द्वार पर पहुंचने के पहले सड़क पर बहता नालियों का गंदा बदबूदार पानी श्रृद्धालुओं के पांव पखारता है।

माता रानी के मंदिर को उड़ाने की आतंकी धमकी के बावजूद भी वाणगंगा से भवन तक सुरक्षा के नाम पर महज रस्म अदायगी ही की जा रही है। वाण गंगा से जैसे ही चढ़ाई कर उपर जाया जाता है वैसे ही जगह जगह सड़कों की टाईल्स उखड़ी पड़ी हैं। रास्ते में टट्टू वालों की दादागिरी के चलते राह में चलना दूभर हो जाता है।

हद तो तब हो जाती है जब आए दिन वेष्णो देवी की लाईट गुल हो जाती है। रात के अंधेरे में दुर्गम पहाड़ी पर बिना लाईट के अंधियारी रात में श्रृद्धालुओं द्वारा किस तरह भगवान का नाम लेकर चढ़ाई की जाती होगी यह शोध का ही विषय कहा जाएगा। भरी गर्मी में भी रास्ते में पड़ने वाली प्याऊ में पीने का पानी श्रृद्धालुओं को नसीब नहीं हो रहा है, इतना ही नहीं गंदे बदबू मारते शौचालयों के आसपास से गुजरने वाली श्रृद्धालुओं द्वारा बरबस ही अपनी नाक पर रूमाल रखने को मजबूर होना पड़ रहा है।

कोई टिप्पणी नहीं: