मंगलवार, 31 मई 2011

फिर लग सकती है पेट्रोल में आग!


फिर लग सकती है पेट्रोल में आग!

कच्चे तेल के सस्ते होने पर भी कंपनियां हैं घाटे में

जीओएम 9 जून को तय करेगा बढ़ोत्तरी

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। तैयार रहिएगा, सरकार जल्द ही पेट्रोल के दाम और बढ़ा सकती है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव बढ़ने पर घाटे का हवाला देकर पेट्रोल के दाम बढ़ाने वाली तेल कंपनियां अब कच्चे तेल के दाम कम होने पर भी पेट्रोलियम पदार्थों के दाम बढ़ाने की दुहाई ही दे रही हैं।
गौरतलब होगा कि जब कच्चे तेल की कीमत 75 डालर प्रति बैरल थी तब पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर दिया गया था। वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 110 डालर प्रति बैरल है, जो अप्रेल माह में 120 डालर तक पहुंच गई थी। इसी कारण पेट्रोल के दाम बढ़ा दिए गए थे और डीजल, केरोसीन तथा रसोई गैस के दाम बढ़ाने की तैयारियां थीं। हालिया जानकारी के अनुसार प्रणव मुखर्जी की अध्यक्षता वाली उच्च अधिकार प्राप्त मंत्रियों के समूह की बैठक नौ जून को प्रस्तावित है जिसमें इसकी कीमत पर कोई निर्णय लिए जाने की उम्मीद है।
उधर इंडियन आयल कार्पोरेशन के सूत्रों का कहना है कि मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय दरांे के कारण उसे हर रोज 261 करोड़ रूपयों का नुकसान झेलना पड़ रहा है। सूत्रों का कहना है कि वर्तमान में कंपनी को पेट्रोल पर 4 रूपए 58 पैसे, डीजल पर 14 रूपए 66 पैसे, मिट्टी के तेल पर 28 रूपए 27 पैसे प्रति लिटर तो रसाई गैस पर 330 रूपए प्रति सिलेंडर का घाटा उठाना पड़ रहा है। कंपनी की उधारी अब तक 67 हजार 880 करोड़ रूपए हो गई है जिस पर कंपनी को 1500 करोड़ का ब्याज भी चुकाना पड़ रहा है।

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