शनिवार, 24 सितंबर 2011

बतौर अटेंडेंट क्यों यात्रा कर रहे थे जयेश!


0 मामला दस लाख का

बतौर अटेंडेंट क्यों यात्रा कर रहे थे जयेश!

सवालों के दीप बन चुके हैं संदीप

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। दिल्ली की निजाम श्रीमति शीला दीक्षित के सांसद पुत्र संदीप दीक्षित की बर्थ से मिले दस लाख रूपयों की गुत्थी आज भी अनसुलझी ही है। भले ही पुलिस ने यह रकम उनके मित्र आर्कीटेक्ट जयेश माथुर की मांग पर उन्हें सौंप दी हो किन्तु अनेक सवाल आज भी अनुत्तरित ही हैं। कहा जा रहा है कि जयेश माथुर और संदीप दीक्षित के बीच दांत काटी रोटी की दोस्ती है, फिर भी वे संदीप दीक्षित के अटेंडेंट के बतौर एसी सेकन्ड क्लास में सफर कर रहे थे।

अण्णा हजारे के आंदोलन का समर्थन करके चर्चाओं में आए दिल्ली के सांसद संदीप दीक्षित इन दिनों कांग्रेसियों की आंख की किरकिरी बने हुए हैं। अण्णा हजारे के मामले में संसद में चर्चा के दौरान संदीप दीक्षित ने अपने भाषण में कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी एवं उनकी एक दिन पहले की स्पीच को नजर अंदाज कर दिया, जिससे युवराज की भवें तन गई हैं। कांग्रेस के अंदरखाने से निकलकर आ रही चर्चाओं पर अगर यकीन किया जाए तो संदीप दीक्षित का मुख्य काम अपनी माता श्रीमति शीला दीक्षित की सरकार का ट्रबल शूटर बनने का है।

चर्चाओं में यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस की राजमाता श्रीमति सोनिया गांधी के खिलाफ जहर उगलने वाले भाजपाई नेता भी संदीप दीक्षित के सतत संपर्क में ही रहा करते हैं। इतना ही नहीं दिल्ली सरकार से अनेक गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को भी भारी भरकम अनुदान दिलाने के पीछे भी सांसद का ही हाथ बताया जाता है। हाल ही में भोपाल एक्सप्रेस के एसी फर्स्ट क्लास कूपे में संदीप दीक्षित की बर्थ पर मिले दस लाख रूपयों से वे एक बार फिर चर्चाओं का केंद्र बन चुके हैं। जयेश माथुर ने अपने आप को संदीप दीक्षित का मित्र बताया गया है। सूत्रों की मानें तो जयेश माथुर एसी सेकन्ड क्लास में संदीप के अटेंडेंट के बतौर यात्रा कर रहे थे। जिस व्यक्ति के पास दस लाख रूपए मकान खरीदने के लिए नकद हों वह भला किसी सांसद के अटेंडेंट बनकर क्यों यात्रा करने चला?
कहा जा रहा है कि चूंकि उनकी और भाजपा के अनेक नेताओं की गहरी छनती है इसलिए भाजपा ने भी इस मामले को मुद्दा नहीं बनाया है। वैसे भी भोपाल से शीला और संदीप दीक्षित के गहरे रिश्ते से हर कोई वाकिफ है। भोपाल की एक एनजीओ में भी दीक्षित की सक्रिय भागीदारी बताई जाती है। भोपाल और इसके आसपास भी संदीप दीक्षित का भारी निवेश बताया जा रहा है।

कोई टिप्पणी नहीं: